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अभिभावक को पैरेंट्स टीचर मीटिंग में क्या पूछना चाहिए?
आज के नए जमाने में हर स्कूल में पैरंट्स टीचर मीटिंग होता है। दोस्तों अभिभावक यानी पेरेंट्स अपने बच्चे को स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजते और उनके गतिविधियों को जानने के लिए पेरेंट्स और टीचर के बीच में मीटिंग होती और सब्जेक्ट होता उनका बच्चा आखिर कैसे पड़ रहा है उसका बिहेवियर कैसा है। केवल बच्चे की परफारमेंस को जानना ही पीटीएम यानी पैरंट टीचर मीटिंग नहीं होता बल्कि कई ऐसी समस्याओं का सलूशन ढूंढना भी पीटीएम की मीटिंग में होना चाहिए और कुछ ऐसे प्रश्न जो आपको पूछना चाहिए जिससे कि पता चल सके कि आपके बच्चे का भविष्य उज्जवल होने वाला है कि नहीं
जैसे कि पीटीएम में आपको पूछना चाहिए क्या सभी विषयों की पढ़ाई के लिए निर्धारित पीरियड नई शिक्षा नीति के अनुसार दिया गया है कि नहीं।
पीटीएम में आप अपने बच्चे की सभी परफॉर्मेंस के बारे में जानकारी हासिल करें एकेडमिक परफारमेंस के अलावा क्या वह असेम्बली में भाग लेता है कि नहीं।
दूसरे बच्चों के साथ उसका व्यवहार कैसा है, कहीं वह मारपीट तो नहीं करता क्योंकि इन सभी छोटी छोटी बातें आपको टीचर से ही पता चल सकती है।
एक अच्छा मां-बाप वही होता है जो अपने बच्चे को अनुशासन में रखना जाने और उसे नैतिक रूप से मजबूत बनाने में अपना योगदान दें।
टीचर मीटिंग में आपको यह भी जानना चाहिए कि क्या स्कूल के फर्नीचर पंखे और पानी आदि की व्यवस्था उचित है कि नहीं।
पैरंट टीचर मीटिंग में यह भी जानना चाहिए कि बार-बार टीचर क्यों बदले जा रहे हैं।
प्राइवेट टीचर मीटिंग में यह भी जानने का आपका अधिकार है कि आप जो ट्यूशन फीस दे रहें, क्या वह पूरी की पूरी ट्यूशन फीस टीचर की सैलरी में के रूप में दी जा रही कि नहीं। प्रबंधक कम ट्यूशन फीस सैलरी के रूप में खर्च करता है। जबकि आपको मालूम ही है कि अच्छी सैलरी देने पर अच्छे टीचर उपलब्ध होते हैं। यह एक जानी-मानी बात है।
पैरेंट-टीचर मीटिंग में आपको यह पूछना चाहिए कि जिस बोर्ड की पढ़ाई हो रही क्या उसकी गतिविधियों के अनुसार सिलेबस के अनुसार पढ़ाई हो रही कि नहीं।।
कमजोर छात्रों को और रिमेडियल क्लास मिल रहा है कि नहीं।
पेंटिंग, संगीत, खेलकूद आदि विषयों के पढ़ाई भी अच्छे तरीके से हो रही है कि नहीं।
क्या कंपटीशन के नाम पर केवल पैसा कमाया जा रहा है, इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए।
प्रैक्टिकल लैबरोटरी आदि की व्यवस्था सही है कि नहीं, संगीत की कक्षाओं में और प्रैक्टिकल कराने के लिए उचित टीचर और स्टूडेंट आदि है कि नहीं इसको भी देखना चाहिए।
लाइब्रेरी में पुस्तकें पर्याप्त मात्रा में है कि नहीं केवल लाइब्रेरी क्लास खानापूर्ति नाम की तो नहीं है।
टॉयलेट और पानी पीने की जगह साफ सुथरा है कि नहीं अभी आपको पेटीएम में पूछना चाहिए।
क्या बच्चे को असेंबली के नाम पर 15 से 20 मिनट से ज्यादा खड़ा किया जाता है, अगर ऐसा है तो बच्चे चक्कर खाकर गिर सकते हैं उनके दांत भी टूट सकते हैं, उन्हें कोई क्षति हो सकती है अगर ऐसी परिस्थितियां होती है तो इस पर आप प्रिंसिपल से बात करें।
स्कूल बस का ड्राइवर क्या लापरवाही से गाड़ी चलाता है क्या बच्चों को अटेंड करने वाला अटेंडेंट ध्यान नहीं देता इन सब बातों की जानकारी भी आपको अच्छे से लेनी चाहिए।
PTM में आपको एक अभिभावक के तौर पर क्या क्या पूछना चाहिए यह आप जान गए इसके अलावा आपकी बड़ी जिम्मेदारी भी है।
आप डायरी और नोटिस को ध्यान से देखें। यदि आपके बच्चे की कोई कंप्लेनया टाइम टेबल के अनुसार किताब लेकर नहीं आता या कोई काम नहीं करता तो आप को एक्शन लेना चाहिए। बच्चे की पढ़ाई लिखाई के प्रति आपको सावधान और ध्यान देने वाला जिम्मेदार बनना चाहिए।
आपको पते की बात बताने जा रहे हैं-
बच्चे के भविष्य के निर्माण में 3 लोगों का योगदान होता है-
पहला माता-पिता
दूसरा टीचर
और तीसरा स्कूल
इसलिए तीनों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। आगे की कड़ी में बताएंगे कि अभिभावक की क्या-क्या जिम्मेदारी होती है।
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कौन सी पांच आदतों से पता चलता है कि बच्चा पढ़ने में कमजोर है?
दोस्तों प्रश्न है कि कौन सी पांच आदत ऐसी है जो बच्चे को पढ़ने में कमजोर बनाती है तो आइए हम आपको एक एक करके पांच आदतों के बारे में बताते हैं आप इन आदतों को सुधार कर अपने बच्चे की पढ़ाई को मजबूत बना सकते है।
आप अपने बच्चे को आजमाना चाहते हैं तो उसे कुछ पढ़ाई है या कोई काम दीजिए अगर वह इन बातों पर ध्यान नहीं देता और समय पर काम नहीं करता तो समझ जाइए कि स्कूल में या पढ़ाई में ध्यान नहीं देता है इसलिए या पढ़ाई में बहुत कमजोर है तो आपको पता चल गया कि आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर इसलिए भी है क्योंकि यह ध्यान नहीं देता है जो ध्यान नहीं देता वह पढ़ाई भी ढंग से नहीं कर पाता है।
बच्चा किसी दूसरे बच्चे के साथ बातचीत कर रहा बार-बार अपनी बड़ाई करता हो और डींगे हांकता है। समझ जाइए कि आपका बच्चा अनुशासन में नहीं है और उसकी सोच सही दिशा में नहीं है। यही वजह है कि वह पढ़ाई में पिछड़ रहा है। आप अपने बच्चे के टीचर से संपर्क करके इस बात को कंफर्म कर सकते हैं।
यह काम आज ही कर लीजिए जल्दी उठाइए डायरी और देखे क्या कोई कंप्लेन है क्या इससे पहले भी कोई कंप्लेन था जिसे आपके बच्चे नहीं छुपाया है। आपको नहीं बताया है।
आप भागमभाग की जिंदगी में बच्चे पर अगर ध्यान नहीं देंगे तो आपका बच्चा हाथ से निकल जाएगा। अगर किताब का नहीं लाया है या पढ़ाई नहीं किया है या होमवर्क नहीं किया है।
ऐसा कोई कंप्लेन समझ जाइए, आपका बच्चा लापरवाह है।
इसके साथ आप अपने घर का माहौल बनाइए। टाइम टेबल के अनुसार रोज उस की किताबें और कॉपियां बैग में डालिए। आने पर उसकी किताबें और कॉपियां चेक करिए कि उसने स्कूल में क्या किया है एक जिम्मेदार पेरेंट्स बने।
जिद करने वाला बच्चा
अगर आपका बच्चा जिद करता है और आप को ब्लैकमेल करता है कि अगर आप मुझे सामान नहीं दिलाएंगे या उसकी मनपसंद चीज नहीं दिलाएंगे तो वह पढ़ाई नहीं करेगा या फिर घर छोड़कर चला जाएगा तो समझ जाइए कि वह सब कुछ जानता है और यह भी जानता की जिद करने पर उसकी इच्छाएं पूरी हो जाएगी। ऐसे बच्चे पढ़ाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं।
झूठ बोलने वाला
वैसे तो बच्चे की आदत झूठ बोलने की होती है लेकिन एक उम्र के बाद अगर या झूठ बराबर बोल रहा है तो समझना होगा कि बच्चा पढ़ाई में भी आपसे झूठ बोल रहा है। वह कोई बात सही नहीं कहेगा, इस कारण से आप अंधेरे में रहेंगे। वह अपनी पढ़ाई के बारे में यहां तक कि अपने नंबर के बारे में या अपने परफॉर्मेंस के बारे में आपसे छुपाएगा।
तुरंत उसके क्लास टीचर से संपर्क करें उसके बारे में जानकारी हासिल करें निश्चित ही स्कूल में भी झूठ बोलता होगा और इस कारण से उसकी पढ़ाई सही से नहीं हो रहा है।
दोस्तों कोचिंग ट्यूशन किसी बच्चे की पढ़ाई को तेज करने का विकल्प नहीं होता है अगर बच्चे की सभी अच्छी बुरी आदतों को सुधार दिया जाए तो वह स्कूल में भी पढ़ कर बहुत आगे तरक्की कर सकता है।
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अभिभावक को पैरेंट्स टीचर मीटिंग में टीचर से यह जरूर पूछना चाहिए कि उनका बच्चा क्लास मे कैसा परफॉरमेंस करता है, तभी अभिभावक अपने बच्चो के बारे मे जान पाएंगे कि उनका बच्चा पढ़ाई मे कैसा है क्योंकि बच्चे ज्यादा से ज्यादा समय स्कूल मे रहते है और हर एक बच्चे के बारे मे उनके टीचर क़ो अच्छे से पता रहता है कि बच्चा पढ़ाई मे कमज़ोर है या पढ़ाई मे होशियार है।
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अक्सर बच्चों के स्कूल में अभिभावक और टीचर की मीटिंग लगाई जाती है जिसमें अभिभावक टीचर से बच्चों के बारे में पूछ सकते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में कैसा है उनका नेचर कैसा है, इसलिए जब भी आपके स्कूल में बच्चों के पेरेंट्स मीटिंग हो तो आपको अवश्य जाना चाहिए क्योंकि वहां पर जाने से टीचर के द्वारा आपको पता लग सकता है कि आपका बच्चा पढ़ाई में अच्छा है या नहीं अन्य एक्टिविटी में भाग लेता है या नहीं, आपका बच्चा असेंबली में जाता है या नहीं इससे सब कुछ जानकारी प्राप्त हो जाती है।
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