blogger | पोस्ट किया |
blogger | पोस्ट किया
सोच के देखिये , क्या आपको वाकई में लगता है की जिस तरह के लोग पुराने ज़माने में हुआ करते थे, उनमें उतना एक दूजे के प्रति रोष होगा जितना आज लोगो में देखने को मिलता है ?
क्या वाकई में नेहरू जी बुरे थे ? क्या वाकई में पटेल और नेहरू में दोस्ती नहीं होगी? क्या आपको लगता है की अगर दोनों न होते तो हम वो बन पाते जो हम हैं?
कुछ सालो में मैंने देखा की हमारे पुरे देश में ज़बरदस्ती की अराजकता फ़ैलाने की कोशिश करी गयी। हमने ज़रूरत से ज़्यादा ही गाँधी , नेहरू पटेल और हाल ही में वाजपेयी के बारे में सुना।
जब मैं बड़ा हो रहा था, मेरे लिए ये सिर्फ लोग थे जिन्होंने महान काम किये। ये सब लोग आज की तरह बनावटी नहीं थे। और न ही इन लोगो को शायद स्मारक वगैरह में खास दिलचस्पी रही होती।
0 टिप्पणी