कोरोना संकट को लेकर बनाए गए पीएम केयर्स फंड के लिए राहुल गांधी ने कहा कि इसका ऑडिट होना जरूरी है, जनता को पता होना चाहिए कि कितना खर्च हुआ है और फंड में कितना पैसा आना चाहिए. राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु ऐप का सोर्स खुले में रखने की बात कही.
जब से यह पीएम केयर ट्रस्ट बना है तब से यह विवादों में ही गिरा हुआ है किसकी पारदर्शिता को लेकर हमेशा से ही यह ट्रस्ट विवादों में घिरा हुआ है. पीएम केयर्स फंड को प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में ट्रांसफर किया जाना चाहिए.पारदर्शिता और भरोसे के लिए ऐसा करना जरूरी है. इसके साथ ही इसका सरकारी ऑडिट होना चाहिए.जब पहले से ही पीएम राष्ट्रीय आपदा कोष है तो फिर पीएम केयर्स फंड बनाने की क्या आवश्यकता है.
पीएम केयर्स में करोड़ों का फंड जमा हो चुका है.सरकारी कर्मचारियों ने भी बड़े पैमाने पर इसमें दान दिया है, लेकिन इसकी पारदर्शिता को लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं.सवाल उठ रहे हैं कि जब जनता समेत तमाम कंपनियों का पैसा इसमें दान दिया जा रहा है, तो इसकी सरकारी जांच क्यों ना हो.
आपको ज्ञात हो कि पीएम केयर्स एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके अध्यक्ष और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ट्रस्टी हैं. मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम केयर्स सरकारी ट्रस्टी नहीं हो सकेगा. सीएजी से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि जब तक ट्रस्टी खुद ही नहीं चाहेंगे कि पीएम केयर्स का ऑडिट हो तब तक हम खुद क्या कर सकते हैं.मोदी कैबिनेट ने इसी साल कोरोना संक्ररण के बीच 8 मार्च को पीएम केयर्स ट्रस्ट का गठन किया था.
