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बाइपोलर डिसआर्डर :-
यह एक साइक्लिक डिसऑर्डर है जिसमे पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा बारी-बारी से दो अलग और विपरीत अवस्थाओं में जाती रहती है। इस बीमारी में इंसान के behavior में अचानक बदलाव देखने को मिलता है | कभी उसका मिजाज काफी खुश रहता है तो कभी बिना बात पर उदास |
उदासी के समय नकारात्मक विचार तथा अत्यधिक ख़ुशी के दौरान मन में ऊँचे विचार आते हैं | मौसम में बदलाव इस रोग में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है | पतझड़ और सर्दी के समय रोगी में मरीज में तनाव के लक्षण देखे जा सकते है | बाइपोलर डिसआर्डर लगभग हर 100 में से एक इंसान को जिन्दगी में कभी ना कभी हो सकती है | bipolar disorder की शुरुआत प्राय 15 साल से 20 साल के बीच होती है और इसमें पुरुष तथा महिलाएँ दोनों ही समान रूप से प्रभावित होते हैं |
लक्षण :-
- अधिकतर समय उदासी
- किसी भी काम में रुचि नहीं
-चिड़चिड़ापन और घबराहट
- शरीर में ऊर्जा की कमी और कभी तोअपने आप से भी नफ़रत
- नींद की कमी और रोने की इच्छा
- आत्मविश्वास में लगातार कमी |
- आत्महत्या के विचार आते रहते हैं |
बाइपोलर डिसआर्डर के कारण :–
अनुवांशिक हो सकता है – शोधो में पाया गया है की बाइपोलर डिसआर्डर अनुवांशिक भी होता है. अगर किसी की माता या पिता को यह रोग है तो उनके बच्चो में भी इस बीमारी के होने सम्भावना होती है |
तनाव–इस बीमारी का सबसे महत्वपूर्ण कारण तनावहै | जिन्दगी में ज्यादा तनाव जैसे घर में पैसो की समस्या कोई दूसरा मानसिक तनाव भी इस बीमारी को जन्म दे सकता है |
नशे के कारण – रिसर्च के अनुसार नशीले पदार्थ का ज्यादा सेवन करने वाले लोगो में यह बीमारी होने की ज्यादा सम्भवनाये होती है | शराब या नशीले पदार्थकी आदत भी बाइपोलर डिसआर्डर का कारण बन सकती है |
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