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स्वामी विवेकानंद जी अपने मन को कुछ इस तरह से काबू करते थे उनका कहना है कि मन को शांत करने के लिए चुपचाप बैठना क्योंकि हमारा मन इतना चंचल होता है कि वे दुनिया भर की बातें इकट्ठा करके हमारे मन को विचलित कर देता है अपने मन को भगवान की भक्ति में लीन कर दो ऐसा करने से हमारे मन में किसी भी प्रकार के बुरे विचार नहीं आएंगे। और जब हमारे मन में बुरे विचार नहीं आएंगे तो हम अपने मन को बिल्कुल शांत रख सकते हैं।मन को नियंत्रित करने के लिए साधना करनी चाहिए और साधना दिन में दो बार करनी चाहिए सुबह का समय साधना के लिए बहुत ही उत्तम होता है ऐसा करने से हमारा मन शांत रहता है।
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स्वामी विवेकानंद ने अपने मन को काबू करने के लिए उन्होंने एकांत में सीधे जाकर चुपचाप बैठ गए और अपने मन में सोचने लगे कि मन को छोड़ दिया जाए वह जहां जाना चाहता और पूरी दृढ़ता से सोचते रहो मैं दर्शक हूं मैं साक्षी हूं बैठे-बैठे मन को डुबाना उतारना देख रहा हूं मैं मन ही तू हु। और स्वामी विवेकानंद जी ने हमें अधिकतर अपने मन को शांत करने के लिए एकांत सी जगह ढूंढ लेनी चाहिए और जाकर वहां चुपचाप बैठ जाना चाहिए कि हमारा मन यहां वहां विचलित ना हो ताकि एकाग्र हो सके.।
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