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शेरनी एक ऐसा जानवर है जिसका दूध पीते है लोगो की मृत्यु हो जाती है, क्योंकि शेरनी के दूध की तासीर बहुत ही गर्म होती है यदि कोई व्यक्ति शेरनी का दूध पी लेता है तो इतना ज्यादा दूध गर्म होता है कि उस व्यक्ति के सिर पर गर्मी चढ़ जाती है जिस कारण से वह व्यक्ति पगाल हो जाता है और धीरे -धीरे उसकी हालात खराब होने लगती है, उस व्यक्ति मृत्यु हो जाती है।
शेरनी का दूध इंसान पी नहीं सकता है, लेकिन ज़ब शेरनी अपने बच्चों क़ो जन्म देती है तो एक बार मे 2 से 3बच्चों क़ो जन्म देती है। ऐसे मे शेरनी के बच्चे माँ का दूध पीते है, लेकिन शेरनी अपने बच्चों क़ो तभी तक दूध पिलाती है ज़ब तक बच्चे छोटे रहते है यानि 2-3 महीने तक शेरनी बच्चों क़ो दूध पिलाती है। ज़ब बच्चे शिकार करने लगते है तो उन्हें दूध पिलाना बंद कर देती है, क्योंकि शेरनी का दूध गर्म होता है यदि बच्चे 5-7 महीने हो जाते है और शिकार करते है और दूध भी पियेंगे तो उनक़ो भी दूध पचेगा नहीं और उन्हें भी दूध पिने और शिकार करने के बाद शिकार करेंगे वो भी हज़म नहीं होगा उल्टी होने लगेगी इसलिए शेरनी बच्चे बड़े होने लगते तो दूध नहीं पिलाती है।
इसके अलावा शेरनी के बच्चे 7-8महीने होंगे तो उनको भूख भी ज्यादा लगने लगती है और शेरनी एक साथ 2-3 बच्चों दूध पिलाएगी तो इतने कम दूध मे बच्चों का पेट नहीं भरेगा इसलिए जैसे -जैसे शेरनी के बच्चे वयस्क होते जाते है, वैसे ही दूध पिलाना बंद कर देती है।
वैसे कहा जाएं तो शेरनी का दूध का मनुष्य के जीवन मे किसी तरह से कोई उपयोग नहीं है,शेरनी के दांतो और शरीर के खाल जरूर उपयोगी है। क्योंकि मेले मे सजवाटी खिलौने बनाये जाते है तो उन खिलौने मे शेर या शेरनी के दांतो क़ो लगाया जाता है, इसके लिए कुछ लोग जंगल मे जाकर शेर, शेरनी का शिकार करके उनके शारीरिक अंगों क़ो निकालकर किसी न किसी रूप मे उपयोग मे लाते है।
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