| पोस्ट किया |
Teacher | पोस्ट किया
शारीरिक शोषण, इन शब्दों का अर्थ ही मुझे तब समझ आया जब बहुत देर हो चुकी थी, और शायद हर हफ्ते मै इस "शारीरिक शोषण" से होते हुए गुज़री थी, उस उम्र में जब मुझे इन शब्दों का अर्थ नहीं मालूम था | कहना बहुत आसान होता है कि तुमने आवाज़ क्यों नहीं उठाई, मैंने कोशिश की थी पर मेरी आवाज़ दबा दी गयी थी | मै 13 साल की थी जब मेरी माँ गुज़र गयी थीं |
अब घर में सिर्फ भाई और पापा ही थे जिनका मुझे सहारा था, पर भाई छोटे थे और पापा अपने काम में व्यस्त रहते थे | वह मेरे परिवार के ही अंकल थे जिन्होंने मेरे नासमझ होने का फायदा उठाया | वह पापा के दूर के रिश्तेदार थे पर माँ के जाने के बाद उन्होंने पापा को संभाला भी और आर्थिक सहायत भी की | वह अक्सर घर आया करते थे और यही कारण है कि पापा को उनपर पूरा विश्वास था |
शायद उनके घर आने जाने को 5 महीने ही हुए थे जब उन्होंने मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की | मै डर चुकी थी पर मै कुछ कर नहीं पायी | मैंने पापा को इस बारे में बताने की कोशिश भी की, पर कोशिश कभी सफल नहीं हुई | मै अपने दोस्तों को भी नहीं बता पायी क्यूंकि वह मेरे बारे में पता नहीं क्या सोचते, और मै उन्हें खोना नहीं चाहती थी | भाई छोटे थे उन्हें इन सबका ज्ञान नहीं था, मुझे भी नहीं था पर मुझमे बोलने की हिम्मत भी नहीं थी |
वह अंकल हर हफ्ते आते थे और ऐसा अगले 15 महीनो तक चला | उसके बाद एक एक्सीडेंट में उन अंकल का देहांत हो गया | यह शायद पहली मृत्यु थी जिसकी मुझे ख़ुशी हुई थी |
इस बारे में आजतक किसी को नहीं पता चला, और दुनिया तो बहुत दूर की बात है मै अपने पापा को भी इस बारे में कभी बता नहीं पायी |
0 टिप्पणी
B.A. (Journalism & Mass Communication) | पोस्ट किया
मै मेट्रो में अपने दोस्तों के साथ एक फंक्शन अटेंड करने जा रही थी | मेट्रो में शाम 6 बजे बहुत अधिक भीड़ होती है | मेरी दो सहेलियों ने पूरे कपड़े पहने थे "सभ्य कपड़े" और मैंने छोटे कपड़े | मेरे साथ मेरा एक दोस्त भी था | हम चारो मेट्रो में एक गोला बनाकर खड़े थे और हमारे सामने एक अंकल थे, जो उम्र में हमसे बहुत बड़े थे | मेट्रो में इतने झटके लग नहीं रहे जितना कि वो हमारे ऊपर गिरने की कोशिश कर रहे थे | वह हमे देखकर मुस्कुरा रहे थे | वह अच्छे परिवार के दिख रहे थे परन्तु जिस तरह कि हरकतें थी उनकी, वह कहीं से भी अच्छे संस्कारो के नहीं लग रहे थे | 15 मिनट तक यही हुआ, वो कभी मेरे पैरो को देख रहे थे तो कभी उनके बगल में खड़ी मेरी सहेली के ऊपर गिरने की कोशिश कर रहे थे |
0 टिप्पणी
Student-B.Tech in Mechanical Engineering,Mit Art Design and Technology University | पोस्ट किया
किसी भी मनुष्य का शारीरक शोषण होना उस व्यक्ति की गलती नहीं है | हाँ ये एक ऐसी पीड़ा है जो शोषित व्यक्ति को झेलनी पड़ती है | इसके बारें में बात करने या बताने में शर्म नहीं होना चाहिए , क्योकि जब आपका शोषण करने वाले को शर्म में आई तो इस बात को बताने वाले को कैसी शर्म |
0 टिप्पणी
Fashion Designer... | पोस्ट किया
0 टिप्पणी
Cashier ( Kotak Mahindra Bank ) | पोस्ट किया
मै छठी कक्षा में था | हाँ "था" ! बच्चा चाहे लड़की हो या लड़का, शारीरिक शोषण का शिकार दोनों ही होते हैं | मेरे टूशन वाले सर पर मेरे माता पिता को बहुत भरोसा था, शायद मुझसे भी ज़्यादा | मुझे आज भी वह तारीख अच्छी तरह याद है, 12 नवम्बर, 2009 | मै रोज की तरह टूशन गया था परन्तु वहाँ मेरे आलावा सिर्फ दो बच्चे थे, वो भी आधे घंटे बाद चले गए |
मुझे सर ने कहा कि मैंने अबतक बहुत छुट्टियां की हैं, इसलिए मुझे एक्स्ट्रा क्लास के लिए रुकना होगा | वो मुझसे बहुत प्यार से बात कर रहे थे, जोकि वह अक्सर नहीं करते थे | वह मुझे यहाँ वहाँ छूने लगे, मै घबरा गया था | उन्होंने मुझसे हस्तमैथुन कराया | मै कुछ बोल नहीं पाया पर मै बोलना चाहता था | उन्होंने मुझे घर भेजते हुए कहा कि "किसी को बताया तो वो तुझपे ही हसेगा |" मै उस वाक्य को याद नहीं करना चाहता क्यूंकि मुझे पता था कि यह मेरे लिए बहुत शर्म की बात है |
यही कारण है कि मै इस बारे में किसी से खुलके बात नही कर पाया | मैंने अपने पापा को यह बताने की कोशिश की पर उन्होंने मेरी बार सुनते ही कहा कि मै पढ़ाई से बचने का ड्रामा कर रहा हूँ, उन्होंने एक हफ्ते के लिए मेरा यहाँ वहाँ जाना बंद कर दिया, मुझे मेरे दोस्तों से मिलने नहीं दिया क्यूंकि उन्हें लगता था कि मेरे दोस्तों के बहकावे मै आकर मैंने यह नाटक किया है | मम्मी ने भी कुछ दिन मुझसे ठीक से बात नहीं की | मैंने उस टूशन में जाना तो छोड़ दिया पर उन सर का कुछ बिगड़ा नहीं, क्योनी मेरे माता पिता के लिए तो वह एक सज्जन व्यक्ति थे |
0 टिप्पणी
B.A. (Journalism & Mass Communication) | पोस्ट किया
0 टिप्पणी
Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | पोस्ट किया
ये दुनिया क्या सोचेगी, घर वालों को कैसे बताऊँ, क्या बताना सही रहेगा, लोग किस नज़र से देखेंगे मुझे, बस यही सोच के मैंने कभी ये बात किसी से शेयर नहीं की | पर आज इस सवाल के जवाबों को देख कर कर मुझ मैं थोड़ी सी हिम्मत आई है, कि मैं भी अपने साथ हुई एक घटना के बारें में बताऊँ |
हर रोज की तरह मैं मेट्रो से ऑफिस जा रही थी | ये तब की बात है, जब odd और even के कारण मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ गई थी | वैसे तो मैं हर रोज मेट्रो के सबसे पहले वाले कोच जो कि महिलाओं के लिए रिज़र्व रहता है, उसमें जाती थी, पर उस दिन शायद जल्दी थी जो मैं किसी दूसरे ट्रैन के डब्बे में चढ़ गई |
भीड़ बहुत थी तो समझ नहीं आ रहा था किस तरफ जाऊँ | फिर एक कोना तलाश किया और दरवाजे के पास खड़ी हो गई | तभी एक बहुत बुजुर्ग से अंकल जी आए और मेरे बगल में खड़े हो गए | भीड़ इतनी थी कि कुछ समझ नहीं आ रहा था | उस पर बार-बार वो अंकल मेरे करीब आने की कोशिश कर रहे थे | एक पल तो ऐसा आया जब हद ही हो गई | ट्रैन एक स्टेशन पर रुकी और उन्होंने मेरी कमर पर हाथ रखा और मुझे पकड़ लिया | भीड़ इतनी थी की कुछ समझ नहीं आ रहा था |
उस वक़्त एक लड़का ये सब देख रहा था | शायद उसको मेरी परेशानी महसूस हुई | वो इतनी भीड़ को धक्का देता हुआ मेरे पास आया और उन अंकल और मेरे बीच खड़ा हुआ और उन अंकल की तरफ से उसने अपने हाथ से मुझे कवर किया और बड़े ही अच्छे से कहा " अब आप आराम से खड़े हो जाओ, मैं हूँ यहां " उसकी बात मानो ऐसी थी उस वक़्त जैसे भगवान कृष्णा मेरे भाई बनकर आये हो | फिर उसने कहा आप कल से इस कोच में नहीं आएंगी | सबसे पहला कोच महिलाओं का होता है, उसमें जाएंगी | मैंने कहा ठीक है |
मेरा स्टेशन आया और मैं उतर गई | पर उस दिन से आज तक मुझे उस लड़के की बात याद है | उसने मुझसे कहा नहीं कि आप महिला कोच में आना अब से बल्कि उसने मुझे एक आदेश दिया और उसका आदेश मैं आज भी मानती हूँ |
मगर ऐसा क्यों ? बस ये सवाल मेरे मन में हमेशा रहा कि लड़कियों को लोग क्या समझते हैं |
0 टिप्पणी
| पोस्ट किया
अक्सर जब भी किसी लड़की के साथ या फिर लड़के के साथ शारीरिक शोषण होता है तो उसे हमेशा खामोश कर दिया जाता है क्योंकि यदि वह अपने साथ हुए शोषण के बारे में किसी से बताती है तो उसकी इज्जत चली जाएगी और आगे चलकर उसकी शादी होने में बहुत दिक्कतें आएंगी ऐसे में उनके माता-पिता आवाज उठाने की बजाय उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।
आज मैं आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताना चाहती हूं किसके साथ शारीरिक शोषण होने पर उसे चुप करवा दिया गया था जी हां वह लड़की मेरी एक दोस्त थी एक दिन जब वह कोचिंग के लिए जा रही थी तो रास्ते में कुछ लड़के उसके साथ बहुत ही गलत किये और उसका रेप करने के बाद उसे जंगल में फेंक दिए लेकिन उसकी जान बच गई और जब वह घर पर गई तो अपने मम्मी पापा को इस बारे में बताया तो उसके मम्मी पापा ने उसे चुप करवा दिया और कहा कि इस बात को तुम किसी से मत कहना नहीं तो हमारी इज्जत चली जाएगी। इसलिए वह लड़की अपने माता-पिता की इज्जत के कारण अपने साथ हुए शोषण के बारे में किसी से नहीं बताया। लेकिन यह बात बिल्कुल गलत है।
0 टिप्पणी
| पोस्ट किया
यदि आप शारीरिक शोषण का शिकार होते है तो आपको इस बारे मे दुनिया क़ो बताने की कोशिश करनी चाहिए ताकि 4 लोग आपका साथ देंगे और आपके साथ आकर खडे होंगे जिससे आपको इंसाफ मिलेगा। क्योंकि कई लड़कियां ऐसी होती है कि उनके साथ शारीरिक शोषण हो जाता है तो वह किसी से कुछ नहीं बताती है, लेकिन गलत है इस बारे मे लड़कियां अपनी सहेलीयों, बहन से बता सकती है।
0 टिप्पणी
Occupation | पोस्ट किया
यदि आप शारीरिक शोषण का शिकार हुये है तो आपको दुनिया क़ो इस बारे मे जरूर बताना चाहिए, क्योंकि कई बार लड़कियां शारीरिक शोषण हो जाने के कारण वह सोचती है कि दुनिया वालो के सामने कुछ बतएगी तो उनकी बेज़्ज़ती होंगी इसलिए वह किसी से कुछ नहीं बताती है, लेकिन ये गलत है लड़कियों क़ो इंसाफ चाहिए तो उनके साथ हुये
शारीरिक शोषण के प्रति आवाज़ उठानी चाहिए और सबको बताना चाहिए तभी उन्हें इंसाफ मिल पाएगा।
0 टिप्पणी