सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा को पहले तो कोरोना वायरस की वजह से टाल दिया जा रहा था। लेकिन बाद में 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। परंतु यह निर्णय लाखों विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत अहम है। अब देश के सभी विद्यार्थियों के साथ-साथ लोगों की निगाहें भी मूल्यांकन प्रक्रिया पर टिकी हुई थी। और सभी यह जानने के लिए उत्सुक थे कि मूल्यांकन किस आधार पर किया जाएगा। तभी सीबीएसई की ओर से यह खबर मिली कि 12वीं के सभी परिणाम समय पर घोषित किए जाएंगे ताकि विद्यार्थियों को देश व विदेश में प्रवेश लेने में आसानी हो।
सीबीएसई ने विद्यार्थियों की मार्किंग के लिए दो विकल्पों पर विचार कर रखा है जो निम्न प्रकार से हैं।
पहला, सीबीएसई के अनुसार 12वीं के छात्रों का मूल्यांकन पिछली बीती हुई 2 कक्षाओं अर्थात कक्षा 10 व 11 की अंतिम परीक्षा व 12वीं की आंतरिक परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर हो सकता है।
दूसरा, या फिर लघु उत्तरीय प्रश्नों का एक परीक्षा प्रारूप कोरोना वायरस के काबू में होने पर आयोजित किया जाएगा। जिसमें विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे. सीबीएसई ने दो बार परीक्षा आयोजित कराने का सुझाव भी दिया है। ताकि जो विद्यार्थी एक बार परीक्षा देने में असमर्थ है वो दूसरी बार 12वीं की परीक्षा दे सकें। ज्ञान का होना हर विद्यार्थी के लिए अति आवश्यक है। इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विकट परिस्थिति में किस प्रकार समाधान निकालती है। 10वीं और 12वीं की परीक्षा विद्यार्थियों के जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होती है। तो विद्यार्थियों को इसका सही परिणाम अवश्य मिलना चाहिए।