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मन से ईश्वर की आराधना करने के लिए पूजा-पाठ भक्ति जप- तप का विधान किया गया है। अखंड जप किसे कहते हैं तो यह ऐसी आराधना होती है जो निरंतर चलती रहती है इसे अखंड जप कहते हैं. यदि आप किसी मंत्र का लगातार एक निश्चित सीमा तक जाप करते हैं तो यह अखंड जाप होता है। अखंड जाप में एकाग्रता और ध्यान बहुत जरूरी होती है.
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