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बजरंगबली को अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता क्यों कहा जाता है?अष्ट सिद्धि क्या होता है?
बजरंगबली भगवान राम के सबसे प्रिय भक्तों में से एक हैं। भगवान शिव शंकर के 11 रुद्र अवतार हनुमान जी को माना गया है। हनुमान जी की जो पूजा करता है, इसे आठ प्रकार की सिद्धि यानी अष्ट सिद्धि और नौ प्रकार से धन दौलत यानी नवनिधि प्राप्त होती है।
महान कवि तुलसीदास ने बजरंगबली हो आठों सिद्धियां और नव निधि के दाता कहा है। इसका जिक्र हनुमान चालीसा में निम्नलिखित चौपाई के रूप में आता है।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता।।
हनुमान जी की पूजा अर्चना करने वाले इंसान को 8 तरह की Sidhi और 9 तरह से धन की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि उन्हें यह वरदान चौपाई के अनुसार 'अस बर दीन जानकी माता' अर्थात माता सीता जी ने उन्हें आशीर्वाद (वरदान) दिया है। इस कारण से हनुमान जी को अष्ट सिद्धि व नौ निधि के दाता कहा जाता है।
हनुमान जी को प्रसन्न करने वाले भक्तों को भी नव निधि और अष्ट सिद्धि का वरदान मिलता है हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी कहते हैं। इन सिद्धियों को प्राप्त करके इंसान कई तरह के चमत्कार कर सकता है।
अष्ट सिद्धियों की सूची निम्नलिखित है-
दोस्तों इन सिद्धियों के कारण ही हनुमान जी कभी छोटा रूप, कभी विशाल रूप धारण कर लेते थे, कभी पक्षियों की तरह बहुत ऊंचाई में उड़ने लगते थे। अपने शरीर को इतना भारी बना लेते थे कि कोई हिला नहीं पाता था।
तो प्रेम से बोलिए जय बजरंगबली की!!
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