रामायण, रामचरितमानस और सुंदरकांड यह तीनों ही प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े हैं। एक और जहां रामायण में प्रभु श्री राम के संपूर्ण जीवन की व्याख्या मिलती है जिसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि है। वहीं दूसरी ओर रामचरितमानस के रचयिता तुलसीदास है। रामचरितमानस में भी प्रभु श्री राम की जीवनी को दर्शाया गया है। जब सीता माता अशोक वाटिका में होती है तो प्रभु श्री राम का संदेशा हनुमान जी सीता माता को देने जाते हैं। और लंका दहन करके वापस आते है।इसी का वर्णन सुंदरकांड में है।