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अफगानियों ने लोकतंत्र को बल दिया। नेताओं को चुना, जो अक्सर विफल रहे, लेकिन अफगान सरकार भ्रष्टाचार और ड्रग व्यापार रोकने में नाकाम रही। दुनिया भर में अफगानिस्तान के कई ड्रग कंपनियां हैं।
भारत ऐसा पहला देश है जिसने अफगानिस्तान के साथ तीन करार किए हैं। जिसमें उसने तीन योजनाएं बनाई हैं---
यह ईरान से व्यापार जुड़े होने के कारण व्यापार भविष्य के लिए यह तीनों योजनाएं अफगानिस्तान के विकास के लिए महत्वपूर्ण थी। इसमें पाकिस्तान, चाइना ,रशिया, अमेरिका इन्होंने भी व्यापार से जुड़ने के चर्चा की थी। बहुत से भारतीय लोग वहां अफगानिस्तान में रह रहे थे। वहां फसे कई भारतीयों को निकालने के लिए कोशिश चल रहा है।
अमेरिका अफगानिस्तान को तालेबान से बचाने के लिए सुरक्षा दे रही थी। लेकिन तालिबान ने अमेरिका के फौज पर हमला किया तब अमेरिका ने अपने सैनिकों की सुरक्षा हेतु वहां से अपनी फौज हटा ली, तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना कब्जा कर लिया, सभी बाहरी देशों के लोगों पर क्रुरता से मारने और अत्याचार करने लगे तब भारत मदद के लिए आगे बढ़ा। अब बस उम्मीद ही कर सकते हैं कि तालेबान नेता अपनी कथनी पर कायम रहेंगे और बर्बरता नहीं करेंगे। भारत इतना तो कर ही रहें हैं कि उन अफ़गानियों को तुरंत शरण दें रहें है, जिन्होंने भारत पर भरोसा किया है।
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