प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला द्वारा लगाये गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर शनिवार को उच्चतम न्यायालय ने विशेष सुनवाई की| सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज कर दिया| उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए'. 'सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि न्यायपालिका खतरे में है'.
अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए| सीजेआई ने कहा कि क्या चीफ जस्टिस के 20 सालों के कार्यकाल का यह ईनाम है? 20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में सिर्फ 6,80,000 रुपये हैं| कोई भी मेरा खाता चेक कर सकता है.सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, वह 4 दिन जेल में थी. महिला ने किसी शख़्स को सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था. और पैसे लिये थे.सीजेआई पर आरोप लगाने वाली महिला उच्चतम न्यायालय की पूर्व कर्मचारी है| उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर महिला के शपथपत्रों की प्रतियां भेजी गईं जो शनिवार को सार्वजनिक हो गईं. इसके बाद मामले में विशेष सुनवाई हुई. पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना शामिल थे|