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बात करें इस योजना की वर्तमान स्थिति की तो इसका हाल भी नोटबन्दी जैसा ही हुआ। ये योजना 1 प्रतिशत भी सफल नहीं हुई। किसी ने भी इस योजना में कालेधन के रूप में अपने पैसे जमा नहीं किए। खुद सरकार और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वीकार किया था कि प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना के नतीजे हमारी उम्मीदों के विपरीत रहे हैं। इसकी समीक्षा की जाएगी।
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