परमाणु बम के इतिहास की बात की जाए तो जापान वह खौफनाक मंजर सब लोगों को सामने दिखाई देने लग जाता है जापान के 2 शहरों में हुए परमाणु बम से आप इसके शक्तिशाली होने का अंदाजा लगा सकते हैं| दुनिया के लोग और खासकर जापान के लोग अमरीकी साम्राज्यवादियों को मानव जाति के खिलाफ़ किये गये सबसे भयानक अपराधों में से एक - जापान के दो शहरों, हिरोशिमा पर 6 अगस्त, 1945 तथा नागासाकी पर 9 अगस्त, 1945 को परमाणु बम बरसाने - के लिए कभी माफ नहीं कर सकते। हिरोशिमा पर अमरीका द्वारा गिराया गया बम यूरेनियम का बना था और प्रथम विस्फोट में 1.4 लाख लोग मरे थे तथा कुल मिलाकर 2.37 लाख लोग मरे थे। नागासाकी पर गिराया गया बम प्लूटोनियम का बना हुआ था और उसके प्रथम विस्फोट से 8,500 लोग मरे थे, जबकि बाद में विकिरणों और चोटों की वजह से 70,000 से अधिक मरे थे। उसके बाद, कई पीढ़ियों तक लोग विकिरणों के दीर्घकालीन परिणामों के शिकार बने हुए हैं।
अमरीका ने आज तक इन युद्ध अपराधों के लिए माफी मांगने से इंकार किया है। 27 मई, 2016 को हिरोशिमा की यात्रा करते समय, अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने इस बात को स्वीकार तक नहीं किया कि अमरीकी साम्राज्यवाद ने यह अपराध किया था। ओबामा ने सिर्फ यह कहा कि “आसमान से मौत आयी”!
परमाणु बम की हकीकत तो आप देख ही चुके हैं हाइड्रोजन बम की हकीकत देखना बाकी है अब यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा|