वैसे तो हमारे वेदों और पुराणों में कई ऐसी कहानियां और बातें है जिनके बारें में हम लोग नहीं जानते है ऐसे में आपका सवाल बहुत अच्छा है क्योंकि आज भी यह बात कई लोगों को नहीं पता की आखिर कार क्यों ऋषि अगस्त्य को अपनी ही बेटी से शादी करनी पड़ी थी, देवाताओं की रक्षा के लिए सातों समुद्र पीने वाले परम शिव भक्त ऋषि अगस्तय ने अपनी ही बेटी से शादी की। आखिर ऐसा क्या हुआ था जो उन्हें ये कार्य करना पड़ा।
इस बात के पीछे ऐसा कहा जाता है की एक दिन अगस्तय ने अपने तपोबल से एक सर्वगुण संपन्न नवजात कन्या का निर्माण किया, जब उन्हें पता चला की विदर्भ का राजा संतान के लिए तप कर रहा है तो उन्होंने उस बच्ची को उसे गोद दे दिया। जब जवान हुई वो ही कन्या तो राजा से उन्होंने उसका हाथ मांग लिया और राजा इंकार न कर सके।
Loading image... courtesy - youtube
तब अगस्त्य ऋषि ने अपनी उस पत्नी(जो उनकी बेटी ही थी) से दो संताने भी पैदा की। एक भृंगी ऋषि हुए जो शिव के परम भक्त थे और दूसरे का नाम था अचुता। तब धरती के मनुष्य आत्मा को देखते थे न कि रिश्तों की मयार्दा को।
जब देवासुर संग्राम जारी था तो दानव हरने के बाद समुन्द्र के तलों में छुप गए, तब शिव की आज्ञा पर अगस्त्य ऋषि ने सातों समुन्द्रों का जल पी लिया और सभी राक्षसों का संहार हुआ।