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किसी भी वाहन के लिए उसके टायर सबसे इंपॉर्टेंट होते हैं। वाहन का कितना इस्तेमाल होता है होती है पर उसके साथ यह भी देखना होता है वाहन कैसी सड़कों पर चलता है कितनी स्पीड से चलता है और टायर की कैटेगरी कौन सी है। जैसे जैसे वाहन चलाया जाता है वैसे वैसे टायर की ऊपरी सतह गिरती जाती है।
सौजन्य: पत्रिका
इससे पता चलता है कि टायर और कितना चलेगा।वैसे आम यूसर्स को उसका पता नहीं चलता है पर जो लोग इस में डील करते है या टायर कंपनीस में काम करते है उन्हें इसका फ़ौरन पता चल जाता है। वैसे नार्मल सिचुएशन में 20000 किलोमीटर के बाद टायर बदलने जरूरी होते है पर कुछ किस्सों में अगर वाहन का रखरखाव ठीक न होतो इससे पहले भी बदलने पड़ सकते है।
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