लोकसभा 2019 चुनाव का नतीजा अब कुछ ही देर में आने को है और देश की बागडोर किस के हाथ में सौंपी जा रही है यह भी पता चल ही जाएगा। वैसे देखा जाए तो पिछले कुछ सालो से देश का सबसे पुराना पक्ष कांग्रेस कुछ खास असर नहीं दिखा पा रहा और इसी लिए सत्ताधारी पक्ष ने भी इस बार फिर से सत्ता पाने के लिए पूरा जोर आजमाया है।
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मोदी सरकार के कुछ फैसलो से प्रजा में नाराजगी जरूर थी पर अगर वो वोट में तबदील होती है की नहीं यह देखनेवाली बात है। अगर एनडीए पूर्ण बहुमत से आया तो कोई समस्या नहीं होगी और फिर से एकबार मोदीजी की प्रधानमंत्री पद पर ताजपोशी होगी पर अगर एनडीए को पूर्ण बहुमत नहीं भी मिला तो भी भाजपा के प्रमुख अच्छे से जानते है की विपक्ष के विजेता उम्मीदवारों को अपने पक्ष में कैसे शामिल किया जा सकता है।
यह कोई ख़ास बात नहीं है की भाजपा हर मुमकिन कोशिश करेगी की बहुमत उसको मिले पर अगर गठबंधन सरकार भी बनानी पड़ेगी तो उनको इस स्थिति से निपटना अच्छे से आता है। इस लिए विपक्ष के पास विपक्ष में बैठने के अलावा और कोई भूमिका नहीं बचेगी ना ही वो कोई और फैसला भी ले सकते है। विपक्षो में एकता ना होने से देशको कितना नुकसान हो सकता है यह आगे आनेवाला वक्त जरूर बताएगा।