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आज यहां पर यह काफी अच्छा सवाल पूछा गया है कि इंसान अपने हालातों का जिम्मेदार खुद होता है या भाग्य में पहले से ही लिखा हुआ होता है तो मैं आपको बता दूं कि भाग्य पहले से नहीं लिखा हुआ होता है इंसान का भाग्य उसके कर्मों के आधार पर लिखा होता है क्योंकि इस धरती में कोई भी इंसान जब जन्म लेता है तो वह अपने कर्मों के साथ जन्म लेता है। तथा जो इंसान जिस तरह का कर्म करता है उसे उसी के अनुसार फल प्राप्त होता है यदि कोई बुरा कर्म करता है तो उसे बुरा फल मिलता है और यदि कोई इंसान अच्छा कर्म करता है तो उसे अच्छा फल मिलता है।
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सवाल काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कर्म और भाग्य से संबंधित सवाल है जहाँ तक मेरा जवाब यह होगा की कभी-कभी इंसान अपनी अच्छे/बुरे हालातों का जिम्मेदार स्वयं होता है
जैसे,कोई कर्मचारी अगर अपनी कर्तव्यों का निर्वाह ठीक से नहीं करेगा,तो उसकी नौकरी जा सकती है, तो यहाँ वह खुद जिम्मेदार है यहाँ भाग्य का कोई दोष नहीं है, लेकिन अगर कोई मनुष्य लाख मेहनत करने के बाद भी अगर सफल नहीं हुआ तो यहाँ भाग्य को दोष दिया जाता है,इसलिए इंसान कभी अपनी हालातों का जिम्मेदार स्वयं होता है
भाग्य होता है पवित्र धार्मिक ग्रंथ गीता में भी भगवान श्री कृष्ण के द्वारा भाग्य का उल्लेख किया गया है, लेकिन उन्होंने कर्म को प्रधान माना है
भाग्य में जो लिखा गया है, यह किसने देखा है लेकिन हम कर्म क्यों छोड़ दे अतःइंसान को अच्छे कर्म करते रहना चाहिए
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