क्रिकेट मैच पहले से ही फिक्स होते हैं या नहीं..इस सवाल का जवाब देना कुछ तथ्यों के साथ देना ही ठीक रहेगा.क्योंकि क्रिकेट के साथ हर किसी का विश्वास जुड़ा होता है क्रिकेट के साथ दर्शक का आत्मविश्वास जुड़ा होता है.अगर क्रिकेट देखने वालों को यह पता लग जाता है कि क्रिकेट पहले से ही तय है तो यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है. जिस वजह से क्रिकेट में ऐसी गलतियां ना हो और दर्शकों के मन को ठेस ना पहुंचे. ऐसी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आईसीसी ने कई तरह के नियम कानून भी बनाए हैं और इस नियम कानून की वजह से कई बार आजीवन प्रतिबंध भी देना पड़ता है जो खिलाड़ी क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के लिए शामिल होते हैं उनका पूरा करियर तबाह हो जाता है और जिंदगी भर एक दाग लेकर घूमना पड़ता है.
साल 2000 में हुए मैच फिक्सिंग के आरोपी ने कई अहम खुलासे किए हैं.दिल्ली में जन्मे और लंदन में रहने वाले कथित सट्टेबाज ने कबूल करते हुए कहा कि वह कई सालों से मैच फिक्सिंग में शामिल था.साल 2000 में हुए मैच फिक्सिंग कांड के मुख्य आरोपी संजीव चावला ने दिल्ली पुलिस को बताया कि हर क्रिकेट मैच फिक्स है. अपने बयान में कहा ‘‘कोई भी क्रिकेट मैच निष्पक्ष तरीके से नहीं खेला जाता है.लोग जो क्रिकेट मैच देखते हैं वह पहले से तय होता है ’ चावला ने इस दौरान क्रिकेट मैच और अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के बारे में भी पुलिस को बताया. उसके मुताबिक, क्रिकेट मैच ठीक वैसा ही है जैसे कोई फिल्म पहले से ही डायरेक्ट की जाती है.वह इससे ज्यादा नहीं बता सकता क्योंकि इसमें एक बहुत बड़ा सिंडिकेट अंडरवर्ल्ड माफिया शामिल है वे खतरनाक लोग हैं.अगर मैं कुछ कहता हूं तो वे मुझे मार देंगे....
क्या था पूरा मामला
अफ्रीकी टीम सीरीज खेलने के लिए फरवरी-मार्च 2000 में भारत दौरे पर आई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, चावला 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का करीबी रहा है. अपना नाम सामने आने के बाद पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने पैसे लेकर खराब खेलने की बात स्वीकार कर ली थी. चावला और क्रोनी के बीच बातचीत को रिकॉर्ड किया गया था .मैच फिक्सिंग का खुलासा होने पर क्रोनी पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था.