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"इस शहर को ना जाने क्या हो गया,कहते है इसे भारत का दिल,
पर ये इंसानो के दिल की धड़कन रोकने पर मजबूर हो गया ,
इस शहर को ना जाने क्या हो गया ........."
जो शहर कभी लाल क़िला , इंडिया गेट, क़ुतुबमीनर और जंतरमंतर जैसे ख़ूबसूरत और यादगार इमारतों के नाम से जाना जाता था। जिसे भारत का दिल कहा जाता है। जिसके लिए यह कहा गया है " दिल्ली है दिल वाली की " ।
ये दिल वालों की दिल्ली को ना जाने क्या हो गया। क्यों इसकी हवा इतनी ज़हरीली हो गई के यह साँस लेना मुश्किल हो गया। जिस शहर में मानव जीवन जीना एक सपने के समान हुआ करता था। आज वही एक एक साँस के लिए लोग ज़हरीली हवा से जूज रहे है। सामान्य जीवन मानो इस शहर में असम्भव सा हो गया |
अगर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नहीं जिस दिन मनुष्य को जीवन जीने के लिए साँसे कम पड़ जाएँगी। दिल्ली शहर की इस ज़हरीली हवा में खुल कर साँस लेना जितना मुश्किल है उतना ही यह जीना नामुमकिन सा होता जा रहा है। दिल्ली मे जीवन इतना मुश्किल होगा तो इंसान कैसे साँसे लेगा कैसे जियेगा | इंसान वक़्त से पहले या तो बूढ़ा हो जाएगा या फिर मर जाएगा |
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वर्तमान समय में हमारे भारत की राजधानी दिल्ली में मनुष्य को सांस लेने में काफी दिक्कत पड़ रही है एक समय था जब दिल्ली को दिल वालों के नाम से जाना जाता था लेकिन आज यही दिल वाला शहर मनुष्य के लिए एक खतरनाक बीमारी का कारण बनते जा रहा है दिल्ली शहर में चलने वाले वाहन के कारण इतना अधिक प्रदूषण फैल गया है कि यहां पर लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही है वर्तमान समय में मनुष्य के लिए दिल्ली शहर एक अभिशाप सा बन गया है क्योंकि यहां पर मनुष्य जहरीली गैसों को अपने अंदर प्रवेश करवाता है जिस वजह से मनुष्य या तो समय से पहले पूरा हो जाएगा या तो फिर मर जाएगा।
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