महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए लगा दिया। उन्हें केवल राष्ट्रपिता का दर्जा देने से हम उनका कर्ज नहीं चुका सकते उन्होंने जो हमारे लिए किया है और जो अपने देश के लिए किया है वह अनमोल है। हमें उनके दर्जा देने से कुछ नहीं होगा बल्कि उनकी राष्ट्रपिता के दर्जे को अपने दिलो-दिमाग में उतारना होगा अपने दिल से उन्हें राष्ट्रपिता मानना होगा तब जाकर कहीं वह असली में रास्ता बनेंगे। उन्होंने ही हमारे देश में विभिन्न तरीके के आंदोलन किए शांति मार्च किया और ना जाने कितने सत्याग्रह चलाएं और हमारे देश की आजादी में अपना अनमोल योगदान दिया। भी योगदान किसी से तोला नहीं जा सकता।
पर कई लोग उनका विरोध करते हैं उन्हें मानते हैं कि वह नेहरू को देश का प्रथम प्रधानमंत्री बनाने में भागीदार थे और उन्होंने श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया और जब पाकिस्तान ने अपना वायदा पूरा नहीं किया तो भारतीय सरकार ने उसे के मुताबिक जो पैसा था वह देने से इंकार कर दिया पर महात्मा गांधी ने धरना देकर स्पष्ट कहा कि हम पॉलिटिक्स में पैसा नहीं ला सकते और उन्होंने भारतीय सरकार को मजबूर किया क्योंकि मैं अनशन पर बैठ गए थे कि भारत की सरकार को पैसा देना पड़ा। तो जो लोग उनसे या उनकी विचारधारा से ताल्लुक नहीं रखते हैं वह लोग ऐसे गोली मारने जैसे कार्य करते हैं।
30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी जी पर गोली चला दी यह गलती जो गोडसे ने की वह गलती जो इस समय पूजा पांडे ने दौराई है दो बहुत शर्मनाक है और ऐसा करना महात्मा गांधी जी राष्ट्रपिता की बेइज्जती करना ही नहीं बल्कि पूरे देश की बेइज्जती करने के समान है।