Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | पोस्ट किया |
Media specialist | पोस्ट किया
एक लड़की का जब जन्म होता है, तब से लेकर जब तक उसकी शादी नहीं होती तब तक उसके घर वाले उसको बस एक ही बात सीखाते है, ज़िंदगी में सिर्फ बलिदान ही लड़कियों का धर्म होता है | जब तक शादी नहीं हुई तो अपने माँ-पिता की सुनो और शादी के बाद अपने ससुराल वालों की सुनो | एक औरत की ज़िंदगी यहीं निकल जाती है |
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Occupation | पोस्ट किया
जी हाँ बिल्कुल औरते अपनी जरूरत से ज्यादा अपने परिवार की जरूरत को महत्व इसलिए देती है, क्योंकि वह अपने से पहले अपने परिवार वालो के बारे मे सोचती है, परिवार से बहुत प्यार करती है उनके लिए परिवार से बढ़कर कुछ नहीं होता है इसलिए वह अपनी जरूरतों की चीजों मे कटौती कर देती है जैसे कि फिजूल के खर्च नहीं करती है, कही बाहर घूमने जाती है तो घर से ही खाना बनाकर लेकर जाती है जिससे पैसा बच जाये और वही पैसो से परिवार का गुजारा हों जाये।
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Content Writer | पोस्ट किया
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