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महाराष्ट्र में मराठा सड़कों पे है और इसकी वजह है आरक्षण। उनकी मांग है की जो 72 हज़ार नौकरियों की भर्ती निकली है उसमे उन्हें आरक्षण दिया जाये। हाई कोर्ट ने फ़िलहाल नए प्रबंधन पर रोक लगा रखा है, और इसके अलावा सभी रिजर्वेशन पर रोक लगी है। इस लिए राज्य सरकार के पास काफी कम विकल्प बचे है। मराठाओ को ओ.बी.सी. आयोग के ज़रिये आरक्षण देने की कोशिश हो रही है क्यूंकि ओ.बी.सी. कोटे से मराठाओ को हिस्सा देना मुश्किल होगा। आखिर ऐसी क्या वजह है जो मराठा आरक्षण की मांग कर रहे है? इस पर पॉलिटिक्स और इकोनॉमिक्स की एक रिपोर्ट तैयार की गयी है।
सौजन्य: रेडिफ.कॉम
महाराष्ट्र में 31% आबादी मराठाओ की है और प्रदेश की सत्ता पर भी मराठाओ का ही दबदबा है। पूरे महाराष्ट्र में करीब 60% स्थानीय निकायों में मराठाओ का कब्ज़ा है। महाराष्ट्र के 2,947 घरों का सर्वे किया गया जिसमे मराठवाड़ा के 1,395 घर और बिदर्भ के 1,532 घर है और इन सभी घरों में जो खुदखुशी के मामले सामने आयें है उसमे से 26.3% मराठा थे। ये सभी हालत के कारण फसल चौपट होना, पानी की कमी, उत्पाद की कमी, उत्पाद की कम कीमत मिलना इत्यादि है।
https://khabar.ndtv.com/news/blogs/manoranjan-bharati-writes-the-truth-about-maratha-reservation-in-maharashtra-1891009
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