इस चुनाव में भाजपा के पास कोई ठोस चुनावी मुद्दा ना होने की वजह से फिर से एक बार सभा और रैली का सहारा लिया गया है। भाजपा के प्रमुख अमित शाह ने एक ख़ास रैली का आयोजन किया जिसे विजय संकल्प सभा का नाम दिया गया। इन सभाओ में मोदी सरकार की सराहना और उन्होंने पिछले पांच साल में किये गए कार्यो का ब्यौरा भाजपा के कार्यकर्ताओ को दिया गया की जिसे वो आम आदमी तक आसानी से पहुंचा सके। और कोई ख़ास मुद्दा ना होने से यह एक चुनावी अभियान था जिसे अमित शाह और मोदीजी ने मिलकर अंजाम दिया।

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कुल मिलाकर 3500 लोकेशन पर इस अभियान का आयोजन हुआ जिस में से काफी सारी सभाओ में मोदीजी या तो अमित शाह हाजिर रहे और सभा को संबोधित किया। उत्तर प्रदेश, गुजरात, केराला, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिल नाडु, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल और राजस्थान में इन में से काफी सारी सभाएँ हुई। दिल्ली में इन सभाओ को निर्मला सीतारमण ने फ्लेग ऑफ किया तो उत्तर प्रदेश में अमित शाह ने इन की शुरुआत की। हालांकि इन सभाओ का मुख्य उद्देश्य तो लोगो तक सरकार के कार्यो को पहुँचाना था, इसे कार्यकर्ताओ के जोश को बढ़ाने के तौर पर भी इस्तेमाल किया गया। पार्टी कार्यकर्ता एवं नेताओ द्वारा इन सभाओ का परिणाम अच्छा आने की उम्मीद जताई जा रही है।