बलात्कार एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा होता है और शायद ही कोई महिला इस तरह के संगीन अपराध के बारे में झूट बोलना चाहेगी । परन्तु जब वह महिला राखी सावंत हो तो उनकी बात पर यकीन करने से पहले व्यक्ति दस हज़ार बार सोचना जरूरी समझेगा । जब तनुश्री दत्ता ने #metoo मूवमेंट की नींव भारत में रखी तो उनपर विश्वास करने का लोगो के पास कारण था । तनुश्री के पास उस घटना का एक-एक सबूत था, वहाँ कुछ लोग थे जिन्होंने उनके ब्यान को सत्य बताया और साथ ही तनुश्री अचानक से कोई आरोप लेकर सामने नहीं आयीं है, उन्होंने 10 साल पहले भी नाना पाटेकर के खिलाफ आवाज़ उठाई थी । वहीं दूसरी तरफ हम राखी सावंत को देखते हैं तो उनकी बातों में झूट और पक्षपात के सिवाय कुछ और नज़र नहीं आता ।

राखी जाने कहाँ से उठकर आतीं हैं और किसी के भी मामले में टांग अड़ाना शुरू कर देती हैं, चाहे वह अनूप जलोटा हो या सनी लियोनी । जिन लोगो को मीडिया से थोड़ी भी फुटेज मिल रही हो, उनपर टिप्पणी करने राखी आ जाती हैं । राखी ने जब यह कहा कि तनुश्री दत्ता लेस्बिअन हैं और उन्होंने राखी को ड्रग्स देकर उनका बलात्कार किया, इससे उनका साफ़ मतलब था कि वह अबला हैं, उनकी इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ हुआ है और उन्हें इन्साफ मिलना चाहिए । राखी ने फिर यह भी कहा कि तनुश्री एक नंबर की झूटी है और बॉलीवुड के शरीफ लोगो को फंसा रही है । साथ ही यह भी की तनुश्री ड्रग्स के नशे में पड़ी हुई थी इसलिए राखी सावंत को उनके स्थान पर आइटम नंबर मिल गयाथा ।
राखी के लिए उनकी इज़्ज़त इज़्ज़त है उनकी आबरू आबरू है किसी और की नहीं । उन्होंने तनुश्री को कहा कि वह 10 साल बाद क्यों बोल रही है पहले क्यों नहीं बोला, तो भाई राखी क्यों 10 साल बाद आयी है, वह भी तो पहले आ सकती थी ।
राखी सावंत नौटंकी और दोगलेपन का चलता फिरता उदाहरण है, और वह यह सब केवल इसलिए कर रही है क्योंकि उसे इसके पैसे मिल रहे होंगे या फिर यह भी लाइमलाइट में आने का एक तरीका है, इससे ज्यादा कुछ नहीं ।