वैसे तो हर महीने में दो एकादशी आती हैं,और साल में 24 परन्तु
निर्जला एकादशी का अपना ही महत्व होता हैं | जैसा की नाम से समझ आता हैं ,निर्जला अर्थात ऐसी एकादशी जिसमें पानी का सेवन वर्जित है | कुछ लोग तो एकादशी का व्रत भी रखते हैं | एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन होता हैं परन्तु
निर्जला एकादशी व्रत और एकादशी व्रत से अधिक कठिन होता हैं |
निर्जला एकादशी को भीम एकादशी का भी कहा जाता हैं | इस एकादशी व्रत में बिना पानी पिए व्रत रखा जाता हैं,इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं | इस वर्ष यह व्रत 23 जून अर्थात आज हैं | एकादशी एक तिथि है ,जो हर महीने में दो बार आती हैं जिसको ग्यारस कहते हैं | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक महीने की तिथियां 15-15 दिनों में बांटी गई हैं |
निर्जला एकदशी का महत्व :-
हिन्दू धर्म और पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशियां आती हैं | कुछ लोग सभी एकादशी का व्रत रखते हैं | एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं | सभी एकादशी के व्रत में निर्जला एकादशी का सबसे ज्यादा महत्व इसलिए हैं क्योकि "एकादशी का व्रत अत्यंत लाभकारी होता हैं,शास्त्रों के अनुसार कहा जाता हैं,कि जो लोग सभी एकादशी का व्रत नहीं ले सकते, अगर वो एक निर्जला एकादशी का व्रत रखते हैं तो उन्हें पुरे साल भर के एकादशी व्रत का फल मिलता हैं | आपकी जानकरी के लिए बता दें कि मलमास जिसको अधिमास भी कहा जाता हैं,वो होने के कारण इस साल 24 के बजाए कुल 26 एकादशी हैं |