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भगवान श्री राम को धनुर्विद्या ही नहीं किसी भी विद्या में कोई नहीं हरा सकता।रामायण काल में भगवान श्री राम महान योद्धा थे। रामायण काल के दौरान भगवान श्री राम के छोटे भाई भगवान लक्ष्मण ही श्री राम की बराबरी धनुर्विद्या में कर सकते थे। दोनों को एक ही गुरु द्वारा प्रशिक्षित किया गया।दोनों को ही हर दिव्य हथियार का बहुत अच्छा ज्ञान था। इन दोनों को गुरु विश्वामित्र ने समान रूप से पढ़ाया हैं। गुरु विश्वामित्र ने उन दोनों को बाला- अतिबाला मंत्र दिया।साथ ही अस्तित्व में मौजूद हर हथियार का ज्ञान दिया।भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी के पास शारंग धनुष, अगस्त से 2 अटूट तरकश और इंद्र का धनुष,इंद्र से इंद्र का अचूक भाला भी था।दोनों के पास ही सभी विद्यायो का संपूर्ण ज्ञान था। दोनों को ही हारने का समर्थ किस भी धनुर्धारी में नहीं था। भगवान श्री राम के बराबरी धनुर्विद्या केवल उनके छोटे भाई लक्ष्मण ही कर सकते थे दोनों ही रामायण काल के महान योद्धाओं थे।
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आप जानना चाहते हैं कि क्या रामायण काल में ऐसा कोई योद्धा था जो धनुर्विद्या मे भगवान राम की बराबरी कर सकता था। या फिर उनसे कोई बेहतर कर सकता था। तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि बिल्कुल नहीं धनुर्विद्या मे भगवान राम जी की बराबरी कोई भी नहीं कर सकता था। यदि कोई कर सकता था तो उनके भाई लक्ष्मण जी उनकी बराबरी कर सकते थे। अपितु उनके अलावा इस दुनिया में कोई भी उनकी बराबरी नहीं कर सकता है। क्योंकि दोनों को ही गुरु विश्वामित्र ने एक समान शिक्षा प्रदान की थी। दोनों भाइयों को हर एक हथियार का अच्छा ज्ञान था। हम आपको बता दें कि गुरु विश्वामित्र ने दोनों को ही भाला और अतिबाला का सामान्य ज्ञान दिया था। इसलिए इस दुनिया में भगवान श्री राम को केवल उनके भाई ही हरा सकते थे और कोई भी नहीं हरा सकता है। अब तो आपको मालूम चल ही गया होगा।
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