नवरात्री के बाद कन्या पूजन किया जाता है जिसके साथ ही नवरात्री के व्रत पूरे होते हैं । माता का पूजन करने के लिए आपको भक्ति भाव से उनकी आराधना करना चाहिए और उनसे अपने नवरात्रे सम्पूर्ण रूप से पूरे होने के लिए उनका आशीर्वाद लेना चाहिए । आपको कन्या पूजन के बारे में कुछ प्रमुख बातें बताते हैं।
-कन्या पूजन के लिए अष्टमी या नवमी जिस दिन आप माता को विदाई देते हैं, उस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान गणेश और मां महागौरी का पूजन करें ।
-उसके बाद आप देवी के रूप में कन्याओं को अपने घर सादर आमंत्रित करें और उनको सम्म्मान के साथ बिठाएं।
-सबसे पहले जल से सभी कन्याओं के पैरों को धोएं ऐसा करने से व्यक्ति के पाप कटते हैं ।
-अब इसके बाद आप कन्याओं को माथे पर लाल सिंदूर का टिका लगाएं और उन्हें लाल चुनरी चढ़ाएं ।
-सभी कन्यायों के हाथ में रक्षासूत्र बांधें और उनके चरणों में पुष्प चढ़ाए।
-अब नई थाली में कन्याओं को पूड़ी, हलवा, छोले परोसे और उन्हें सदर पूर्वक भोजन करवाएं ।
-कन्याओं को भोजन के बाद उन्हें प्रसाद के रूप में मिठाई दें और उनकी आरती उतारें और उनसे आर्शीवाद दें।
-अंत में सभी कन्याओं को दरवाजे तक सादर पूर्वक विदा करने जाएं ।
इस तरह कन्या पूजन करना चाहिए और इस तरह आपके नवरात्रे सम्पूर्ण होते हैं।