2019 के लोकसभा चुनावों में हमारे देश के नेताओं को जनता के मुद्दों से कुछ लेना देना नहीं है.उनका मकसद सिर्फ एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाना है. लेकिन नेताओं की वजह से आम जनता के मुद्दे गायब हो गए हैं. क्योंकि इन लोगों को आपस में लड़ने से कभी फुर्सत ही नहीं मिलता. मोदी ने हाल ही में अपने चुनावी भाषण में राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी नंबर वन कहा था.इसके जवाब में प्रियंका गांधी ने मोदी की तुलना दुर्योधन से की थी और अपने बयान में राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्तियों का इस्तेमाल किया था
एक नजर प्रियंका के बयान पर
"जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है हरि ने भीषण हुंकार किया अपना स्वरूप विस्तार किया डगमग डगमग दिग्गज बोले भगवान कुपित होकर बोले जंजीर बढ़ाकर साध मुझे हा हा दुर्योधन बांध मुझे"
अमित शाह ने प्रियंका गांधी के दुर्योधन वाले बयान पर अपना जबाव कुछ इस तरह दिया
"अभी प्रियंका गांधी ने मोदी जी को दुर्योधन कहा! प्रियंका जी यह लोकतंत्र है आपके कहने से कोई दुर्योधन नहीं हो जाता जनता 23 मई को बता देगी कि कौन दुर्योधन है और कौन अर्जुन"