मीटिंग के नाम से अधिकतर लोग डर जाते हैं, उन्हें लगता है कि भला वह खुद को मीटिंग में कैसे प्रेजेंट कर पाएंगे, कुछ बोल भी पाएंगे या नहीं। मीटिंग की जान बनना है तो इसके लिए दो चीजें जरूरी हैं- तैयारी और आत्मविश्वास। यदि आप मीटिंग के मुद्दों पर पूरी तरह से तैयार हैं और आत्मविश्वास आपमें कूट-कूट कर भरा है तो मीटिंग में आपको चमकने से कोई नहीं रोक सकता। मीटिंग में आप भी चमकें, इसके लिए कुछ टिप्स को अमल में लाइए-
- मीटिंग में में जिस मुद्दे पर चर्चा होने वाली, उसके बारे में नोट्स बना लीजिए। आपके दिमाग में जो बातें आ रही हैं, उन्हें लिखने से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।
- मीटिंग के निर्धारित समय पर जरूर पहुंच जाएं या समय से पहले ही। इससे आपके सहकर्मियों और वरिष्ठों पर आपके बारे में अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
- अपनी अन्य गतिविधियों को छोड़कर मीटिंग पर ही फोकस करें तो बेहतर होगा। मीटिंग के दौरान सबसे आई टू आई कांटैक्ट बनाएं। इससे आपका आत्मविश्वास भी झलकेगा।
- मीटिंग में सक्रिय सदस्य के तौर पर प्रतिक्रिया दें। लेकिन यह भी ध्यान में रखें कि पूरी मीटिंग में आपका हावी होना भी ठीक नहीं है। मीटिंग में उपस्थित अन्य लोगों को भी अपनी बात रखने का बराबर अवसर दें।
- हमेशा चैलेंजिंग बातें सामने रखें। यदि आपने किसी की बात काटी है या रीजेक्ट की है तो उससे बढ़िया आइडिया दें। मीटिंग में किसी पर अटैक करने से बचें और न ही किसी नोक-झोंक में फंसें।
- मीटिंग में सकारात्मक लहजा अपनाएं। लोगों को ऐसा महसूस होना चाहिए कि आप जरूरी बातें सामने रख रहे हैं। अपने चैलेंज और सलाह को सकारात्मक तरीके से सामने रखने से ठीक रहेगा।
- फॉलो-अप किसी भी मीटिंग के बाद जरूरी होता है। उन चीजों के नोट्स बनाएं, जिन्हें मीटिंग के बाद करना है। यदि आपके पास मीटिंग के बाद नये आइडियाज आते हैं तो उन्हें नोट कर लें। अगली मीटिंग में यह बताने से नहीं चूकें।