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ना बॉलीवुड ना हॉलीवुड चारों तरफ तारीफ हो रही है तो सिर्फ टॉलीवुड की। टॉलीवुड यानी साउथ की फिल्में जिनकी तारीफ मनोज बाजपेई भी कर चुके हैं । साउथ फिल्में लगातार हिंदी बेल्ट में बेहतरीन परफॉर्मेंस दे रही है।बॉलीवुड से ज्यादा लोग टॉलीवुड फिल्म को देखना इसलिए पसंद कर रहे हैं क्योंकि साउथ की 99 प्रतिशत फिल्में अपनी उस परंपरा, संस्कृति,भाषा और गांव के जीवन से जुड़ी हुई होती है। जो हमारे समाज के लिए एक अच्छी सोच और अच्छे संस्कार देने का काम करती हैं।
इन फ़िल्मों के शॉट ऐसे शूट करते हैं जैसे दुनियां का सबसे बेस्ट शॉट दे रहे हों। हर शॉट को ऐसे करते हैं जैसे कल्पना की गई हो।
जबकि बॉलीवुड में बिल्कुल इसका उल्टा दिखाया जाता है इसका प्रभाव समाज पर गलत पड़ता है। दक्षिण भारत की फिल्में हमारी मन की बात को एक बेहतरीन तरीके से पर्दे पर दिखाती है। साउथ की फिल्मों में कलाकार को कला की अहमियत पता होती है वे खुद को किसी भी किरदार में जिंदा रखने की कोशिश करते हैं।टॉलीवुड इंडस्ट्री में वास्तविकता को दिखाया जाता है।
टॉलीवुड के डायलॉग किसी भी कहानी में जान डाल देते हैं।साउथ की फिल्मों में एक और खास बात नजर आती है। इनकी कहानियों में आम नागरिक के छोटे-छोटे मुद्दों को बेहतरीन तरीकों से बिना किसी जाति धर्म या भेदभाव के सामाजिक स्तर पर उठाया जाता है।हाल ही में पॉपुलर हुई दो फिल्मों KGF और RRR ने साउथ इंडस्ट्री में धमाल मचा दी। दोनों फिल्मों ने करोड़ों की कमाई की।
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