कुंभ के समय एकादशी व्रत का क्या महत्व है ? - letsdiskuss
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Satindra Chauhan

@letsuser | पोस्ट किया |


कुंभ के समय एकादशी व्रत का क्या महत्व है ?


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Content Writer | पोस्ट किया


हिन्दू धर्म में सभी त्यौहारों का बड़ा ही महत्व होता है | चाहे वो त्यौहार छोटा हो या बड़ा हो सभी अपनी-अपनी जगह एक अलग और महत्वपूर्ण महत्व रखते हैं | जैसा कि एक महीने में 2 ग्यारस , एक पूर्णिमा और एक अमावस्या आती है | हर महीने आने वाली ग्यारस का अपना एक महत्व होता है | आज आपको कुंभ के समय एकादशी का क्या महत्व है इसके बारें में बताते हैं |


जैसा कि कुंभ का अवसर बहुत ही पावन माना जाता है | ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार कुंभ में एकादशी का बहुत बड़ा महत्व है | एकादशी के दिन संगम तट पर और पूजा करना दान देना बहुत ही शुभ माना गया है | एकादशी का व्रत सभी व्रतों में बड़ा ही शुभ और व्रतों का राजा माना जाता है | इस महान पर्व पर विष्णु जी का पूजन बहुत ही करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं |

इस पूरे कुंभ के समय जितनी भी एकादशी होती है उसका व्रत और पूजन करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।

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कैसे करें एकादशी का पूजन :-
एकादशी को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त(सुबह 4.24 से 5.12 तक) में उठकर स्नान करें और मंदिर में सही समय में जाकर बैठ जायें | भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने धूप बत्ती और घी का दीपक जलाएं । गणेश भगवान की पूजा से शुरुआत करें और एकादशी पूजा शुरू करें |

एक महत्वपूर्ण बात , विष्णु भगवान का पूजन माता लक्ष्मी के साथ ही करना चाहिए | इसके बाद श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें और उसके बाद श्री सूक्त का पाठ करें। आप सुन्दरकाण्ड का पाठ भी कर सकते हैं वह भी शुभ माना जाता है |
इस व्रत में अगर आप अन्न ग्रहण न करें तो यह व्रत आपको ज्यादा फल देता है |

(Courtesy : Latestly.com )


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हमारे हिंदू धर्म में त्योहारों का बहुत ही महत्व होता है आज हम आपको बताएंगे कि कुंभ के समय मैं एकादशी का क्या महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि कुंभ के समय एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और कई जन्मों के पापों को नष्ट कर देते हैं, इसलिए कुंभ के समय एकादशी का व्रत पूजन पाठ करना चाहिए और सुबह स्नान करके भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए। यदि हो सके तो इस व्रत को करने पर उनका ग्रहण ना करें तो यह व्रत और भी अधिक फलदाई साबित हो सकता है।

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