| Updated on June 8, 2023 | Astrology
हनुमान जी के कौन से पावन धाम हैं जहां जाने से शनि दोष दूर हो जाता है ?
@pamditadayaramasharma5207 | Posted on February 15, 2022
जहां शनि देव का नाम आता है वहां एक डर बैठ जाता है कि न जाने अब क्या होगा | जैसा कि आपको हमेशा से ही बताया गया है कि शनि देव एक ऐसे देवता है, जीनका गुस्सा उन्हें कभी भी दानव बना सकता है | अर्थात शनि देव जिनकी राशि में अच्छे हैं तो उनका बाल भी कोई बांका नहीं कर सकता वहीं अगर उनका प्रकोप किसी राशि पर आ जाए तो उन्हें कोई बचा भी नहीं सकता | इसलिए उनके प्रकोप को कम करने के लिए शनि देव के कई उपाय किये जाते हैं |
(Courtesy : Bol Bihar )
(Courtesy : lordhanuman )
(Courtesy : YouTube )आज हम आपको हनुमान जी के कुछ ऐसे मंदिरों के नाम बताएंगे जिनके नाम मात्र से शनि का प्रकोप दूर हो जाता है।
पटना का महावीर मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं इस मंदिर में सबसे ज्यादा लोग मंगलवार और शनिवार के दिन आते हैं।
हैदराबाद से 220 किलोमीटर की दूरी पर दूर खम्मम जिला में हनुमान जी की मूर्ति उनकी पत्नी के साथ है ऐसी मानता है कि इस मंदिर में जो लोग अपनी पत्नी के साथ है बजरंगबली की उपासना करने आते हैं उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
आज के समय में शनि देव ही कलयुग के देवता माने जाते हैं।लेकिन जब शनिदेव किसी के ऊपर नाराज हो जाते हैं तो उनको बहुत सारी समस्याएं आती है जिसको दूर करने के लिए आप शनिदेव का व्रत पूजन पाठ करके इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। इसके अलावा आप तेलंगाना की हनुमान मंदिर जाकर हनुमान और उनकी पत्नी जी के दर्शन कर सकते हैं । क्योंकि यहां ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति हनुमान जी के इस रूप का दर्शन करता है उसके ऊपर से शनि का दोष दूर होता है।
@setukushwaha4049 | Posted on June 8, 2023
हनुमान जी का पावन धाम शिंगणापुर, महाराष्ट्र मे है यहाँ जाने से शनि दोष दूर होता है, लेकिन यहां शनि महाराज की कोई मूर्ति नहीं, एक बड़ा सा काला पत्थर है, जिसे शनि का विग्रह रूप माना जाता है, यहां पर शनिदेव की पाषाण प्रतिमा एक चबूतरे मे स्थापित की गयी है। शनि की माया से यह गांव एक चमत्कारी गांव माना जाता है,यहां पर आज भी शनि की माया देखी जाती है,जिसके कारण आज भी इस गांव के घर बिना दरवाजे के है। इस गांव मे यह मान्यता है कि यहां चोरी नहीं हो सकती है, क्योकि इस प्रतिमा की हाइट पांच फीट नौ इंच ऊंची तथा एक फीट छह इंच चौड़ी है।