अधिकतर जितने भी प्रवासी लोग हैं वह सभी यूपी,बिहार झारखंड तथा बंगाल साइड के हैं. इन सभी राज्यों के लोग अधिकतर पंजाब,राजस्थान,दिल्ली,गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत इन सभी प्रमुख राज्यों में फंसे हुए हैं इन सभी राज्यों में लोग इसलिए जाते हैं वहां पर रोजगार उपलब्ध है और उनको अपने राज्यों से ज्यादा वहां पर मजदूरी मिलती हैं.....
इन प्रवासी लोगों को दिक्कतों का सामना हमेशा से करना ही पड़ता है अपने राज्यों में इन्हें मेहनत के हिसाब से मजदूरी नहीं मिलती कम मजदूरी में गुजारना करना पड़ता है. इसका पूरा श्रेय इन सभी राज्यों की सरकारो को जाता है खुद तो रोजगार उपलब्ध नहीं करवाते हैं और जब रोजगार उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं तो प्रवासीबाहर फंसे हुए हैं उनको पर्याप्त राहत उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं.कम से कम इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने लोगों को वापस लेकर आने के लिए पैसा तो खर्चना चाहिए. प्रवासी लोग पैदल आ रहे हैं एक्सीडेंट का शिकार होकर रास्ते में मर जा रहे हैं मगर प्रवासी लोगों के राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इन सब से कोई मतलब नहीं है आज भी कई हजार प्रवासी लोग पैदल इतनी तपती गर्मी में पैदल अपने राज्यों में जाना पड़ रहा है.
यह सभी परदेसिया दूसरे राज्य में जाकर भेदभाव का शिकार होते हैं दूसरे राज्यों के लोग जीने नहीं देते हैं वहां पर यह लोग उनको यह कहकर तंग करते हैं कि इन लोगों की वजह से हमारे यहां के लोगों को नौकरी नहीं मिलती है. इनकी वजह से हमें कम तनख्वाह मिल रही हैं अगर यह लोग यहां से चले जाएंगे तो हम अपनी मनचाही तंखाह ले सकेंगे. इन बेवकूफो को इतनी बात समझ में नहीं आती की वह लोग मेहनत कर रहे हैं तो पैसा ले रहे हैं बिना मेहनत के पैसा नहीं ले रहे हैं. आप मेहनत कीजिए,आपको पैसा मिलेगा. इसका मतलब यह नहीं कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए इन सभी प्रवासी लोगों को निशाना बनाया जाए.
