शादी के मंडप मे चार खंबे ही क्यु होते है? - letsdiskuss
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komal Solanki

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शादी के मंडप मे चार खंबे ही क्यु होते है?


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हमारे हिंदू धर्म में जब भी शादी विवाह होता है तो मंडप अवश्य लगाया जाता है, जिनमें चार खंबे लगे हुए होते हैं, क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है की शादी के मंडप में चार खंबे ही क्यों होते हैं चार के अलावा 6 या 7 खम्भे भी तो हो सकते हैं लेकिन 4 ही खंबे जरूरी क्यों होते हैं? चलिए शास्त्रों के अनुसार इसकी जानकारी प्राप्त करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है?धर्म ग्रंथों के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में चार चरण होते हैं: , ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और आखिर में संन्यास।मंडप के चार स्तंभ जीवन के इन्हीं चार चरणों का प्रतीक माने जाते है। हम हिन्दू धर्म के लोग हैं इसलिए हमारे यहां बिना मंडप की शादी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है यदि मंडप नहीं लगाया जाएगा तो शादी भी नहीं होगी, यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।

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शादी के मंडप में चार खंबे ही क्यों होते हैं क्या आपने कभी इस बात के बारे में सोचा है। यदि आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो चलिए आज हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं।

शादी में मंडप का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है इसके बिना शादी की कल्पना नहीं की जा सकती।तो चलिए जानते हैं कि आखिर शादी के मंडप पर चार खंबे ही क्यों होते हैं धर्म ग्रंथों के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में चार चरण होते हैं: , ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और आखिर में संन्यास।मंडप के चार स्तंभ जीवन के इन्हीं चार चरणों का प्रतीक माने जाते हैं। साथ ही, यह पंच तत्व को भी दर्शाते हैं। इसके अलावा यह चार प्रकार के स्तंभ , वायु, पृथ्वी जल और आकाश को भी दर्शाते हैं इस प्रकार पहले से ही मंडप में चार खंबे को बनाने का रिवाज़ चला आ रहा है।

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दोस्तों चलिए आज आपको हम इस आर्टिकल में बताएंगे कि शादी के मंडप में चार खंबे ही क्यों होते हैं यदि आपको नहीं पता तो आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।धर्म ग्रंथों के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में चार चरण होते हैं: ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और आखिर में संन्यास। मंडप के चार स्तंभ जीवन के इन्हीं चार चरणों का प्रतीक माने जाते हैं। साथ ही, यह पंच तत्व को भी दर्शाते हैं। शादी के मंडप में हमेशा चार खंबे रहते हैं।और मंडप का मतलब महज आम के पत्ते लगा फूस का छप्पर भर नहीं होता, इसके साथ साक्षी होते हैं हिन्दू और वे देवता जिनका आह्वान करके उन्हें बुलाया जाता है।और फिर देवता नए जीवन में प्रवेश करने वाले वर-वधू को अपना आशीर्वाद देते हैं और उनके वैवाहिक बंधन के साक्षी बनते आशीर्वाद देते हैं कि सदा सुहागन रहो जिससे उनका वैवाहिक जीवन अच्छे से व्यतीत होता है।Letsdiskuss


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अक्सर अपने शादियों में देखा होगा की जहां पर लड़का और लड़की की शादी होती है वहां पर चार खंबे होते हैं उसी के अंदर लड़के और लड़की का विवाह होता है तो ऐसा क्यों होता है कि चार ही खंबे होते हैं तो चलिए जानते हैं।

हिंदू धर्म में मंडप का खास महत्व है जहां तारों की छाया में दूल्हा-दुल्हन फेरे लेकर सात जन्मों के बंधन में बंध जाते हैं। यह माना जाता है कि शुभ कार्य घरों की चार दीवारी में किया जाना चाहिए। ऐसा करने से समृद्धि आती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में चार चरण होते हैं: , ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और आखिर में संन्यास। मंडप के चार स्तंभ जीवन के इन्हीं चार चरणों का प्रतीक माने जाते हैं। साथ ही, यह पंच तत्व को भी दर्शाते हैं। इसके अलावा यह चार प्रकार के स्तंभ , वायु, पृथ्वी जल और आकाश को भी दर्शाते हैं इस प्रकार पहले से ही मंडप में चार खंबे को बनाने का रिवाज़ चला आ रहा है।

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