हा आज कल के युवाओ के बिच नेहरू के प्रति घृणा है जो सही है नेहरू एक ऐसा नेता था जो केवल सत्ता सुख चाहता था इसीलिए उसने भारत का दू टुकड़ा करवाया क्योकि उसे प्रधानमंत्री बनाना था और रही बात जिन्ना की तो वो भी प्रधानमंत्री बनाना चाहता था और इनके जो सरदार थे महात्मा गाँधी वो नेहरू से भट प्यार करते थे इसीलिए तो उन्होंने पटेल जी को प्रधानमंत्री नहीं बनाने दिया क्योकि अगर पटेल जी प्रधान मंत्री बन जाते तो इनकी अय्याशी कैसे होती
आज कल के युवाओ के बिच नेहरू के प्रति बहुत नफरत है। इसका अधिकांश हिस्सा भारतीयों के एक छोटे से लेकिन बहुत ही दिखने वाले समूह से आता है- युवा जो मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के परिवारों से संबंध रखते हैं और उन राज्यों से आते हैं जहां जाटों, पटेलों, राजपूतों आदि जैसे समुदायों का राजनीति में दबदबा है। दुश्मनी मुख्य रूप से गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों और यूपी के कुछ हिस्सों में मौजूद है जहां राइटविंगर का बोलबाला है। ये क्षेत्र मुख्य रूप से इस दृष्टिकोण के लिए सदस्यता लेते हैं कि भारत केवल हिंदुओं का है और मुसलमान और ईसाई बाहरी हैं। ज्यादातर लोग, जिनकी ये गलत धारणाएं हैं, वे राइटविंगर विचार का अनुसरण करते हैं कि नेहरू ने भारत को कुछ 'महान हिंदू समाज' बनने से रोका।
- आज का भारत कहीं बेहतर होता अगर सरदार पटेल नेहरू की बजाय पहले पीएम बनते
- नेहरू हिंदू विरोधी थे
- नेहरू ने वंशवादी राजनीति का निर्माण किया
- 1962 के युद्ध में हार के लिए नेहरू जिम्मेदार थे।
- नेहरू ने भारत के लिए UNSC में स्थायी सीट को ठुकरा दिया और इसे चीन को दे दिया।
इन सब कारणों से नेहरू को लोग पसंद नहीं करते और मै भी नहीं करता
