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पीएफआई संगठन को शुरुआती जांच में बैन कर दिया गया है। इसे खिलाफ संदिग्ध सबूत मिले हैं। जांच प्रक्रिया जारी है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) (popular front of India banned by government of India) पर पांच साल का प्रतिबंध क्यों लगा? आइए इसके बारे में सरल तरीके से जाने।
आपको बता दें कि पहले नजर में इस पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और कई लोगों की हत्या करने का मामला सामने आया है। इसकी जांच चल रही है और मामला अदालत में भी है लेकिन प्रथम दृष्टया इसे सरकार ने 5 साल के लिए बैन कर दिया है। आगे जब जांच रिपोर्ट आएगी तो इस पर स्थाई रूप से बहन भी किया जा सकता है।
दोस्तो सबसे पहले जानेंगे कि पीएफआई संगठन पर कौन-कौन से आरोपों भारत सरकार द्वारा लगाए गए हैं।
दोस्तों इस संगठन पर आरोप है कि पिछले कुछ सालों में राज्यों में हत्याओं के पीछे पीएफआई का हाथ रहा है।
देश की शांति और सुरक्षा के लिए पीएफआई संगठन खतरा है
देश की शांति खत्म करने का आरोप पीएफआई पर लगा है। शुरुआती जांच में पुख्ता सबूत मिले हैं जिस पर अदालत में कार्रवाई चल रही है।
इसकी हालात को बिगाड़ना, दंगा कराना, आतंकवादियों संगठन से मिले रहने आदि का आरोप इस संगठन पर लगा है।
आपको बता दें कि खाड़ी देशों से पैसा मंगाकर इस संगठन से गैरकानूनी काम कराया जा रहा है। इस संगठन में कुछ ऐसे लोग हैं जो देश को तोड़ने और देश का नुकसान पहुंचाने के लिए इस संगठन में सक्रिय अराजक तत्व है। जिनका एजेंडा केवल केवल देश की संप्रभुता को नष्ट करना है दोस्तों।
सरकार ने पीएफआई संगठन इसलिए बैन लगाया है, आइए जानें- एक और पुख्ता कारण
पीएफआई संगठन खाड़ी देशों के अमीरों से भारत के मुस्लिम के मदद के नाम पर पैसा मांगते थे।
दोस्तों यह संगठन झूठी कहानी बताकर खाड़ी देशों से पैसा मांगते। तो इस संगठन के सक्रिय सदस्य खाड़ी देशों में जाकर वहां अमीर लोगों से हिंदुस्तान के बारे में अफवाह फैलाते थे, कहते थे कि वहां मुस्लिमों के साथ ज्यादती और अत्याचार हो रहा है।
इस तरह की झूठी कहानी गढ़ के संगठन के लोग पैसा जुटाते थे। PFI खाड़ी देशों के अमीरों से भारत में मुस्लिमों के मदद करने की गुहार करते और मुस्लिमों के पढ़ाई लिखाई और गरीबों के इलाज आदि के नाम फर पैसा इकट्ठा करते थे।
भारत में इन्हीं पैसों से वे भारत के खिलाफ साजिश रचते थे। आतंकवादी घटनाओं में लिप्त रहते थे। दोस्तों आपको बता दें कि इसके बारे में पता चला है केरल के कोझिकोड से ईडी की गिरफ्त में आए PFI के प्रचारक शफीक पाएथ के द्वारा, जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने यह चौंकाने वाले खुलासे किए।
दोस्तों सरकार ने इन्हीं सभी शुरुआती जांच के आधार पर और कोर्ट के अनुसार 5 साल के लिए बैन किया गया। अभी मामला अदालत में है उसके बाद फैसला आने पर इसे आजीवन बैन किया जा सकता है।
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