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इस्लाम के अनुसार शरीयत के कानून के मुताबिक़ कोई भी पुरुष महिला को अगर तीन बार तलाक बोल देता है तो वो महिला के कानूनन सारे अधिकार ख़त्म हो जाते है और वो उस पुरुष की पत्नी नहीं रहती। इस कानून में परिवर्तन की काफी मांग उठ रही थी पर इसे इस्लाम और मुस्लिमो का निजी मसला बताकर हर बार पल्ला झाड़ लिया जाता था। मोदी सरकार के आने के साथ इस कानून में बदलाव की मांग को सूना गया और अब सदन में एक बिल पारित कर के इस तीन तलाक के रिवाज को हंमेशा ख़त्म कर दिया गया है।
सौजन्य: संकल्प न्यूज़
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