Mechanical engineer | पोस्ट किया
सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने कहा है कि वस्तु व सेवा कर, जीएसटी लागू होने से उसे 5000 करोड़ रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।कंपनी को उम्मीद है कि उसकी चिंता को दूर करने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी. पेट्रोल और डीजल समेत पांच किस्म के पेट्रोलियम प्रोडक्ट को फिलहाल जीएसटी से बाहर रखा गया है।जीएसटी से बाहर होने की वजह से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा।इसीलिए तेल कंपनियां नुकसान की बात कर रही हैं।
इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब सामान तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर लगा कर, तैयार माल पर लगने वाले कर से घटा दिया जाता है।इससे एक सामान के लिए कर पर कर नहीं लगता और उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं बढ़ता।लेकिन ये स्थिति उन्ही सामान या सेवाओं के लिए होगी जो जीएसटी के दायरे में शामिल हैं।पेट्रोल-डीजल समेत पांच पेट्रोलियम प्रोडक्ट को भले ही जीएसटी के लिए जरुरी संविधान संशोधन कानून में रखा गया है, लेकिन जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया कि इन पर जीएसटी लगने की तारीख बाद में तय की जाएगी।प्रोडक्ट पर अभी की ही तरह केंद्र सरकार कस्टम ड्यूटी के अलावा सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगाएगी जबकि राज्य सरकार सेल्स टैक्स वसूलेंगी।
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