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दोस्तों बॉडी लैंग्वेज ही हमारी पहली पहचान है। बॉडी लैंग्वेज वह सब बता देता है जो हम खुद से नहीं बोल पाते। इसमें सबसे पहली चीज़ है आखें। किसी भी वयक्ति की आखें तब ज्यादा तेजी से काम करती है जब वह उत्तेजित होते है। खास कर जब वह किसी विपरीत स्थिति में हो। इंसान के भौह में वृद्धि भी एक तरह का संकेत है। जब कोई वयक्ति आँख से संपर्क करने से बचता है तो इसका मतलब है वह असुरक्षित महसूस कर रहा है। इसका मतलब यह हो सकता है कि वह किसी की भावना को झेल रहा हो या फिर झूठ बोल रहा हो। आपके बॉडी लैंग्वेज में हाथ भी अहम भूमिका निभाती है।
हमारे मस्तिष्क और हाथों के बीच शरीर के किसी भी अन्य भागों की तुलना में अधिक संबंध हैं। कुछ लोग मानते हैं कि जब वे किसी से मिलते हैं तो उनके हाथ कैसे व्यवहार करते हैं या वे किस तरह से हाथ मिलाते हैं। जब किसी का हाथ हिलाते हैं, अगर उनका हाथ शीर्ष पर होता है तो वे हावी होने की कोशिश कर रहे हैं और इसके विपरीत, यदि हाथ ठोड़ी पर हल्का है, तो यह रुचि और ईमानदारी दिखाता है। आपके सामने एक ऐसा इंसान हो जिसका हाथ उसके कंधे से बेजान और ढीली लटक रही हो और जिसके हाथ की सभी उंगलिया खुली हो तो ऐसे लोगों में निर्णय शक्ति नहीं होती और ये अनिश्चित अवस्था में होते हैं।आपके सामने एक ऐसा इंसान हो जिसका हाथ उसके कंधे से बेजान और ढीली लटक रही हो और जिसके हाथ की सभी उंगलिया खुली हो तो ऐसे लोगों में निर्णय शक्ति नहीं होती और ये अनिश्चित अवस्था में होते हैं। ऐसे लोगों पर भरोसा करना खतरे से खाली नहीं होता।
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