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जी हां हमने इससे पहले भी लॉकडाउन का सामना की हु लेकिन ये सर्कार अपनी मर्जी से बंद की है तो लोकडाउन है नहीं तो इसे कर्फूय बोला जाता है जिसमे धारा 144 लागु होती है जिसमे हर चीज़ बंद होता है कहि आना जाना सब इस लॉकडाउन को लोग मज़े में ले रहे है लेकिन जो धारा 144 लगती है उसमे लोग डर डर कर जीते है जिसमे पुलिस देखते ही मरने लगती है की कहि कोई दंगा फसाद न हो और लॉकडाउन में सरकार आपको हर चीज़ प्रोवाइड करा रही है तो कृपा करके आप लोग इस लॉकडाउन का पालन करे जिंदगी रहेगी तो बहुत घूमेंगे आप लोग |
सन 2005 में हमारे जिले में कर्फू लगा लगा था उस टाइम हमारे जिले में हिन्दू मुस्लिम दंगा हुआ था तब मुझे तो यद् नहीं लेकिन हमारे घर वाले बताते है की आर्मी और आर .ऐ .फ वाले हर घर के सामने होते थे और जो दिख जाता था उसे बहुत मारते थे कई महीने तक था ये कर्फू लोगो को अपनों से मिले हुवे महीनो गुजर गए थे दिन दो टाइम दुकान खुलती थी सुबह में हिन्दुओ के लिए सैम को मुस्लिमो के लिए और है ये नहीं था की आप पांच लोग साथ में जाओ अकेले जाओ और समान लो
वो एक बहुत ही डरावना पल था जिसमे लोग डर डर क्र जीते थे
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जी हां हमने भी लॉकडाउन का सामना किया है जब हमारे देश में पहली बार कोविड-19 आया था तो कोविड-19 चलते हमें भी लॉकडाउन का सामना करना पड़ा था। लॉकडाउन की सबसे बड़ी समस्या यह थी कि हम कहीं भी घूमने नहीं जा सकते थे ज्यादा टाइम अपने घर पर ही रहना पड़ता था ना तो हम स्कूल जा पाते थे और ना ही खेलने जा पाते थे। सारा दिन घर में बैठकर टीवी या फिर लूडो खेलते रहते थे।
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जी हां बिल्कुल सन 2019 में हमने लॉकडाउन का सामना किया है क्योंकि सन 2019 में करोना जैसी महामारी का प्रकोप पूरी दुनिया पर फैला हुआ था जिस से बचने के लिए लोग घर पर रहकर अपनी सुरक्षा करते थे सबसे पहले लॉकडाउन हमारे भारत देश में 21 दिन के लिए किया गया था लॉक डाउन का मतलब यह था कि लोगों का एक जगह से दूसरे जगह पर आना जाना बंद कर दिया गया था जिसे धारा 144 के तहत बनाया गया था यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा भी दी जाती थी।
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