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मीडिया
हम सभी किसी न किसी रूप से न्यूज़ मीडिया से जुड़े हुए हैं, हमें अपने आसपास की सारी जानकारियां न्यूज़ चैनल द्वारा ही मिलती है, चाहे सरकार द्वारा बनाए गए नए नियम कानून हो या फिर देश विदेश में घटने वाली घटनाएं इस सभी की जानकारी हमें न्यूज़ चैनल द्वारा ही मिलती है। आज के समय में न्यूज़ मीडिया की पहुंच हम सब तक सिर्फ़ टीवी के द्वारा ही सीमित नहीं रह गई है वह हम से सोशल मीडिया द्वारा भी जुड़ गए हैं हम जब भी किसी न्यूज़ चैनल का पेज फॉलो या लाइक करते हैं तब उस न्यूज चैनल के न्यूज अपडेट हमें मिलने लगते हैं। परंतु एक ही खबर अलग-अलग चैनल पर अलग-अलग बताई जाती है सब चैनल सपने फायदे और टीआरपी के लिए एक ही न्यूज़ को अलग-अलग तरीके से दर्शकों को प्रस्तुत करते हैं।
न्यूज़ चैनल किसी भी मुलजिम को गुनाह साबित होने से पहले ही उसे गुनहगार साबित कर देते हैं यह सब टीआरपी बढ़ाने के लिए। कई बार न्यूज़ चैनल का काम जनता को मुख्य मुद्दों से भटकाने का भी रहता है अभी पिछले कुछ दिनों पहले भारत सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानून को सभी मीडिया चैनल्स ने अपने हिसाब से टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में लोगो तक तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया और असली मुद्दा हर न्यूज चैनल की ख़बर से गायब था। पिछले कुछ दिनों पहले एक खबर हर न्यूज चैनल्स में बहुत सुर्खियां बटोर रही थी कि एक न्यूज़ चैनल द्वारा अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए अपने सारे व्यूज या दर्शक खरीदे हुए थे वह पैसे देकर अपने चैनल की टीआरपी बढ़ाते थे।
इन सभी बातों से एक बात तो साबित होती है कि सभी न्यूज़ मीडिया अपने अपने हिसाब से किसी भी खबर को अपने दर्शकों के दिमाग में घुसाने की कोशिश करते हैं, या सभी न्यूज़ चैनल किसी भी खबर को अपने नजरिए से दर्शकों तक प्रस्तुत करते हैं, जिस वजह से किसी भी चैनल द्वारा दिखाई गई खबर को सही मानकर उसका भरोसा करना सही नहीं है। सीधी बात हम यह कह सकते हैं कि न्यूज चैनल्स खबरों का व्यापार करते हैं, वे खबरों को अपने फायदे के अनुसार किसी भी तरह से प्रस्तुत कर सकते हैं वह टीआरपी और अपने फायदे के लिए बिकाऊ भी हैं।
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मीडिया का अर्थ है संचार का साधन । दो या दो से अधिक संचार के साधन को मीडिया कहा जाता हैं। पूरी दुनिया में संचार के अनेक साधनहै जैसे समाचार पत्र, समाचार चैनल, रेडियो, टेलीविजन, फेक्स, इंटरनेट है।
मीडिया का मुख्य उद्येश समुदाय को सूचित करना , शिक्षित करना एवं प्रेरित करना होता है। लेकिन आज के समय मे भारतीय मीडिया बिकाऊ हो चुकी है। हर जगह हर किसी की भावनाओं के लिए वह बिकाउ हो गई है। आज लोग मीडिया को पसंद भी करते है ओट उसे बिकाऊ भी बोलते हैं कुछ मीडिया संस्थान और पत्रकार सरकार के हाथ की कठपुतली बन गए है जो जब तक झूठ ना बोल ले या दिखा ना दे तब तक वह बीमार दिखते हैं।
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भारतीय मिडिया सच मे बहुत ही ज्यादा बिकाऊ हो गयी है, क्योकि आज कल भारत मे जो भी घटनाऐ घटित होती है उनकी जानकारी टीवी चैनल न्यूज रिपोर्टर के अलावा सोशल मिडिया से भी जानकारी मिल जाती है, लेकिन सोशल मिडिया मे झूठी न्यूज़ फैलाने वाले व्यक्ति इतने ज्यादा पैसे मे बिक चुके है कि उन्हें सच और झूठ मे फर्क ही नज़र नहीं आता है, अपने फायदे के लिए दूसरे लोगो के प्रति गलत न्यूज़ बनाकर सोशल मिडिया, टीवी न्यूज़ चैनल मे डाल देते है, इससे सामने वाले क़ो काफ़ी नुकसान होता है।
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आज आपने बहुत ही अच्छा सवाल किया है कि क्या भारतीय मीडिया सच में बिकाऊ है तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि बिल्कुल वर्तमान समय में हमारी भारतीय मीडिया इतनी बिकाऊ हो गई है कि पैसों के लिए वह किसी की भी झूठी न्यूज़ बनाने के लिए तैयार हो जाती है जिस वजह से लोग बदनाम हो जाते हैं और भारतीय मीडिया पैसा कमा लेती है लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत है क्योंकि यदि किसी पर झूठा आरोप लगाया जाए तो उस पर क्या बीतेगी इस बात का अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है।
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