प्रियंका गांधी एक अलग युग की नेता है और वहीं दूसरी तरफ इंदिरा गांधी एक अलग युग की नेता थीं। मेरे विचार से इन दोनों की तुलना तो हम कर ही नहीं सकते। इंदिरा गांधी पहले से ही आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी और उनकी जनता के में बहुत ही प्रसिद्धि और जनता में एक ईमानदार अच्छे नेता की छवि थी। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते काफी कुछ जनता के हितों के लिए काम किए। वही हम प्रियंका गांधी को देखें तो वह अभी राजनीति में सक्रिय हुई हैं और वह काफी कुछ अपने आप को सिद्ध करने में लगी हैं इसी कारण उनकी प्रसिद्धि जनता में होने के लिए समय लगेगा। इंदिरा गांधी की एक ईमानदार नेता की छवि लोगों में थी वहीं दूसरी तरफ प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पर काफी घोटाले और काफी किसानों की जमीन हड़पने के आरोप हैं इससे जनता काफी नाराज हैं और इसमें में प्रियंका गांधी को भी शामिल समझती है। इंदिरा जी एक बहुत ही प्रभावशाली और तुरंत फैसला लेने वाली महिला थी उन्होंने जनता में अपने आप को प्रभावी नेता के रूप में साबित कर दिया था। अगर हम प्रियंका जी को देखें तो उन्हें अभी काफी कुछ करना है और वह अभी तक जनप्रतिनिधि नहीं रही है तो इससे अभी पता नहीं चलता कि वह जनता के लिए कैसा काम करेंगे और कैसे जनता की कल्याणकारी योजनाए लाएंगी। इसीलिए अभी हम इन दोनों की तुलना नहीं कर सकते।