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प्रदूषण 4 प्रकार के होते है :-
1. ध्वनि प्रदूषण
2. जल प्रदूषण
3. भूमि प्रदूषण
4.वायु प्रदूषण
1. ध्वनि प्रदूषण :-
ध्वनि प्रदूषण वह प्रदूषण होता है जो किसी कारण से अचनाक उत्पन्न होती है उसको ध्वनि प्रदूषण कहते है।जैसे - शादी मे बैंड, डीजे की ध्वनि का उत्पन्न होना,दिवाली मे पटाखों को फोड़ने पर जो ध्वनि उत्पन्न होती है उसको ध्वनि प्रदूषण कहा जाता है।
2.जल प्रदूषण :-
नदी, तालाबों के पानी जिसमे लोग अपने जानवर, गाड़ी, वही नहाते, वही कपडे धोते है। जिस वजह से वह पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो रहा है उसे ही जल प्रदुषण कहते है।
3. भूमि प्रदूषण :-
भूमि प्रदूषण वह प्रदूषण होता है, जैसे कि किचन से निकलने वाला कूड़ा करकट, मल मूत्र, सब्जी के छिलके, हॉस्पिटल निकलने वाला प्लास्टिक, पालीथीन आदि ये सब हम भूमि पर ही फेकते है जिस वजह से भूमि प्रदूषण होता है। इसी ही भूमि प्रदुषण कहते है।
4.वायु प्रदुषण :-
वायु प्रदुषण वह होता है जो कार, ट्रेन, बस, बाइक से निकलने वाला धुआँ जो वायु मे जाकर वायु को प्रदूषित करता है वह वायु प्रदुषण कहलाता है।
और पढ़े- प्रदूषण से हानि?
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प्रदूषण को स्रोतों, प्रभावित पर्यावरणीय मीडिया और इसमें शामिल प्रदूषकों की प्रकृति के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। यहाँ प्रदूषण के कुछ प्राथमिक प्रकार हैं:
1. वायु प्रदूषण: इस प्रकार का प्रदूषण हानिकारक गैसों, पार्टिकुलेट मैटर और अन्य पदार्थों के वायुमंडल में छोड़े जाने के कारण होता है। यह वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक प्रक्रियाओं, जीवाश्म ईंधन जलाने और प्राकृतिक घटनाओं के कारण होता है। वायु प्रदूषण से श्वसन संबंधी बीमारियाँ, स्मॉग और जलवायु परिवर्तन हो सकता है।
2. जल प्रदूषण: यह प्रदूषण तब होता है जब संदूषक जल निकायों जैसे नदियों, झीलों, महासागरों और भूजल में प्रवेश करते हैं। स्रोतों में औद्योगिक अपशिष्ट, कृषि अपवाह, सीवेज और रसायनों का अनुचित निपटान शामिल हैं। जल प्रदूषण जलीय जीवन, मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करता है।
3. मृदा या भूमि प्रदूषण: भूमि प्रदूषण में अनुचित अपशिष्ट निपटान, औद्योगिक गतिविधियों, वनों की कटाई और कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग के कारण पृथ्वी की सतह का क्षरण शामिल है। इस प्रकार का प्रदूषण मिट्टी को बंजर बना सकता है, पौधों की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है और भूजल में रिसकर उसकी गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
4. ध्वनि प्रदूषण: ध्वनि प्रदूषण अत्यधिक या विघटनकारी शोर की उपस्थिति है जो औद्योगिक मशीनरी, परिवहन, निर्माण गतिविधियों और शहरीकरण के कारण हो सकता है। उच्च स्तर के शोर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से तनाव, सुनने की हानि और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
5. प्रकाश प्रदूषण: इस प्रकार का प्रदूषण शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक कृत्रिम प्रकाश के कारण होता है, जिससे प्राकृतिक प्रकाश चक्र बाधित होता है। यह वन्य जीवन को प्रभावित करता है, पारिस्थितिकी तंत्र को परेशान करता है और नींद में खलल सहित मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
6. थर्मल प्रदूषण: यह मानवीय गतिविधियों के कारण प्राकृतिक जल निकायों के तापमान में अचानक वृद्धि या कमी के परिणामस्वरूप होता है। बिजली संयंत्र और औद्योगिक प्रक्रियाएं जो शीतलन के लिए पानी का उपयोग करती हैं, गर्म पानी को नदियों और झीलों में छोड़ सकती हैं, जिससे जलीय जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो सकते हैं।
7. रेडियोधर्मी प्रदूषण: यह आमतौर पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से पर्यावरण में रेडियोधर्मी पदार्थों के निकलने, रेडियोधर्मी कचरे के अनुचित निपटान या दुर्घटनाओं के कारण होता है। रेडियोधर्मी प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर और लंबे समय तक चलने वाला प्रभाव हो सकता है।
8. प्लास्टिक प्रदूषण: पर्यावरण में, विशेषकर महासागरों और जल निकायों में प्लास्टिक कचरे का संचय, जिससे समुद्री जीवन और पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान होता है। माइक्रोप्लास्टिक्स, छोटे प्लास्टिक कण भी एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करते हैं।
9. जैविक प्रदूषण:पारिस्थितिक तंत्र में गैर-देशी प्रजातियों का प्रवेश, जो देशी प्रजातियों से प्रतिस्पर्धा कर सकता है या उनका शिकार कर सकता है, जिससे पारिस्थितिक असंतुलन हो सकता है। इसे अक्सर आक्रामक प्रजाति या जैव आक्रमण के रूप में जाना जाता है।
10. कूड़ा-कचरा करना:पैकेजिंग सामग्री और एकल-उपयोग प्लास्टिक जैसे ठोस कचरे का अनुचित निपटान, जो न केवल पर्यावरण के सौंदर्य को खराब करता है बल्कि वन्यजीवों के लिए भी खतरा पैदा करता है।
प्रत्येक प्रकार के प्रदूषण के अपने कारण, प्रभाव और शमन रणनीतियाँ होती हैं। मानव स्वास्थ्य की रक्षा, पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने और एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रदूषण से निपटना महत्वपूर्ण है। प्रदूषण को कम करने के प्रयासों में आमतौर पर सख्त नियम, स्वच्छ प्रौद्योगिकियाँ, सार्वजनिक जागरूकता और जिम्मेदार व्यक्तिगत व्यवहार शामिल हैं।
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यह प्रदूषण विशेष तौर पर चार प्रकार का होता है
1 वायु प्रदूषण
2 जल प्रदूषण
3 मृदा प्रदूषण
4 ध्वनि प्रदूषण
1 वायु प्रदूषण , वायु प्रदूषण यह घर से निकलने वाला धुआं एवं गाड़ी वाहनों से निकलने वाला विषैला प्रकार का धुआं जो हमारे वायुमंडल में जाकर हवाई को प्रभावित करता है वायु प्रदूषण कहलाता है.।
2 जल प्रदूषण, यह घर से निकलने वाले गंदा पानी जो नालियों में जाकर यह पानी जीलो एवं नदियों में मिलता है और जल को दूषित करता है दूषित पानी जल प्रदूषण कहलाता है.।
3 मृदा प्रदूषण, यह प्रदूषण जो हमारे मिट्टी को काफी प्रभावित करता है जैसे विस्फोटक के समय कुछ हमारे मृदा को काफी हानि पहुंचाता है और यह जटिल ए पदार्थ भी अनावश्यक पदार्थ भी जो खेत खलियान में फेंके जाते हैं हमारे मृदा को दूषित करता है यह मृदा प्रदूषण कहलाता है.।
4 ध्वनि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण व प्रदूषण है जो अनावश्यक कार्यों के लिए बजाया जाता है इस पर एसपी करो को ऊंची आवाज में बजाने से हमारे दिल की धड़कन काफी बढ़ने लगती है और जो हमारे सीधे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं यह ध्वनि प्रदूषण करता ध्वनि प्रदूषण के कारण जो जिओ जंतुओं को काफी नुकसान होता है यह ध्वनि प्रदूषण कहलाता है.।
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प्रदूषण के कई प्रकार होते हैं-
1 जल प्रदूषण
2) वायु प्रदूषण
3) ध्वनि प्रदूषण
4) मृदा प्रदूषण
1) जल प्रदूषण :- यह घर से निकलने वाले गंदा पानी जो नालियों में जाकर यह पानी झीलो एवं नदियों में मिलता है जल को दूषित करता है दूषित पानी जल प्रदूषण कहलाता है।
2) वायु प्रदूषण :- वायु प्रदूषण सड़क पर चलने वाले ट्रक कार के धुएँ रेलगाड़ी के धुएँ वजह से होता है हमारे वायु को दूषित करते हैं जिससे वायु प्रदूषण होता है।
3) ध्वनि प्रदूषण :- ध्वनि प्रदूषण में प्रदूषण होता है जो किसी कारण से उत्पन्न होता है उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
शादी में बैंड डीजे की ध्वनि का उत्पन्न होना , दिवाली में पटाखे को फोड़ने पर जो ध्वनि उत्पन्न होती है उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं।
4) मृदा प्रदूषण :- मृदा प्रदूषण का कारण यह है कि मिट्टी में डालने के लिए इतने रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है जिसके कारण मिट्टी दूषित होती है ऐसे ही मृदा प्रदूषण कहते हैं।
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1. जल प्रदूषण
2. वायु प्रदूषण
3. मृदा प्रदूषण
4 ध्वनि प्रदूष
1. जल के कारण होने वाला प्रदूषण फैक्ट्रियों से जो कचरा निकलता है। पाइप के द्वारा नदी में प्रवाहित होता है। और उसी पानी का उपयोग खाना बनाने में पीने में उपयोग किया जाता है। जल प्रदूषित होता ही है। साथ में बीमारियां भी खेलती यही है जल से प्रदूषण का कारण।
2) वायु प्रदूषण सड़क पर चलने वाले ट्रक कार के धुएँ रेलगाड़ी के धुएँ की वजह से होता है यह हमारी वायु को दूषित करते हैं जिससे प्रदूषण फैलता है।
3) मृदा प्रदूषण का कारण यह है कि मिट्टी में डालने के लिए इतने रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है जिसके कारण मिट्टी दूषित होती है। इसी से प्रदूषण बढ़ता है
4) ध्वनि प्रदूषण का कारण ट्रक कार के निकलने वाले हौर्न से होता है बड़े-बड़े डीजे साउंड की वजह से होता है।
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प्रदूषण के प्रकार के बारे में बताएंगे।
शहरों एवं गांव में किसी भी त्यौहार व उत्सव में राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार व रैली में लाउडस्पीकर का अनियंत्रित इस्तेमाल करना
सर दर्द होना मनुष्य का अंधा होन|
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प्रदूषण कई प्रकार होते हैं!
वायु प्रदूषण -वायु प्रदूषण में प्रदूषण होता है जो विभिन्न प्रकार के गैस धुआं खनिज आदि कण सम्मिलित होते हैं जो वायु प्रदूषण को प्रदूषित करते हैं!
जल प्रदूषण जल प्रदूषण वायु प्रदूषण होता है! जो आज के युग में बढ़ती जनसंख्या के कारण होता है! जनसंख्या बढ़ने के कारण लोग कूड़े को कचड़े दान में ना फेंककर नीचे डालते हैं! जिससे जल प्रदूषित होता है!
ध्वनि प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण के कारण मानव को हृदय रोग,सिर दर्द आदि जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं! जिससे कि मानव की नींद बेकार हो जाती है!जिससे की मानव बहरेपन का शिकार हो जाता है!
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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं।
प्रदूषण चार प्रकार के होते हैं:-
1) जल प्रदूषण।
2) वायु प्रदूषण।
3) ध्वनि प्रदूषण।
4) भूमि प्रदूषण।
1) जल प्रदूषण:- जल प्रदूषण उसे कहते हैं जिनके द्वारा जल को दूषित किया जाता है जैसे फैक्ट्री से निकलने वाला गंदा पानी जो सीधे जाकर नदी में प्रवाहित होता है और जल को दूषित करता है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी जो नालियों के द्वारा सीधे तालाब में जाता है और तालाब का पानी गंदा होता है और इसी पानी का उपयोग लोग अपने खाने-पीने में करते हैं। जल प्रदूषण कहलाता है।
2) वायु प्रदूषण:- फैक्ट्री और कारखानों से निकलने वाला धुआं गाड़ियों और ट्रकों से निकलने वाला धुआं घरों से निकलने वाला धुआं जो सीधे जाकर वायु को दूषित करता है वायु प्रदूषण कहलाता है।
3) ध्वनि प्रदूषण:- ध्वनि प्रदूषण ट्रैकों से निकलने वाले हॉर्न गाड़ियों से निकलने वाले हॉर्न से होता है और बड़े-बड़े डीजे साउंड की वजह से भी होता है ध्वनि प्रदूषण ज्यादातर शहरों में होता है क्योंकि वहां प्रतिदिन गाड़ियां चलती हैं।
4) मृदा प्रदूषण:- मृदा प्रदूषण का कारण रासायनिक खाद्य जो मिट्टी को दूषित करते हैं जो आजकल ज्यादा ही प्रयोग किया जाता है इसी के कारण मिट्टी मिट्टी प्रदूषित होती है। मृदा प्रदूषण कहलाता है।
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नमस्कार दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं यदि आप प्रदूषण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे लेख को एक बार पूरा अवश्य पढ़े।
आज हमारा पर्यावरण इतना अधिक प्रदूषित हो गया है कि जिसकी वजह से मनुष्य और जीव जंतुओं का जीवन खतरे में पड़ गया है क्योंकि प्रदूषण की वजह से हम अच्छी तरह से सांस भी नहीं ले पाते हैं। प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनकर हमारे सामने खड़ी हो गई है। यदि हम समय रहते प्रदूषण को कम नहीं कर पाएंगे तो एक दिन इस पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन धीरे-धीरे करके समाप्त होने लगेगा इसलिए प्रदूषण को रोकने के उपाय अपनाने होंगे।
प्रदूषण के प्रकार:-
दोस्तों हम आपको बता दें कि प्रदूषण चार प्रकार के होते हैं।
यहां पर हमने आपको प्रदूषण के प्रकार के बारे में बता दिया है। जानकारी अच्छी लगी हो तो हमारे पोस्ट को लाइक अवश्य करें
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क्या आप जानते हैं कि प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं आमतौर पर तो प्रदूषण चार ही प्रकार के होते हैं। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं कि प्रदूषण चार प्रकार के होते हैं।
1. वायु प्रदूषण।
2. जल प्रदूषण।
3.ध्वनि प्रदूषण।
4. मृदा प्रदूषण।
वायु प्रदूषण -
फैक्ट्री और कारखानों से निकलने वाला धुआं गाड़ियों और ट्रकों से निकलने वाला धुआं घरों से निकलने वाला धुआं जो सीधे जाकर वायु को दूषित करता है वायु प्रदूषण कहलाता है।
जल प्रदूषण-
जल के कारण होने वाला प्रदूषण फैक्ट्रियों से जो कचरा निकलता है। पाइप के द्वारा नदी में प्रवाहित होता है। और उसी पानी का उपयोग खाना बनाने में पीने में उपयोग किया जाता है। जल प्रदूषित होता ही है। साथ में बीमारियां भी खेलती यही है जल से प्रदूषण का कारण।
ध्वनि प्रदूषण -
ध्वनि प्रदूषण ट्रैकों से निकलने वाले हॉर्न गाड़ियों से निकलने वाले हॉर्न से होता है और बड़े-बड़े डीजे साउंड की वजह से भी होता है ध्वनि प्रदूषण ज्यादातर शहरों में होता है क्योंकि वहां प्रतिदिन गाड़ियां चलती हैं।
मृदा प्रदूषण-
मृदा प्रदूषण का कारण यह है कि मिट्टी में डालने के लिए इतने रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है जिसके कारण मिट्टी दूषित होती है। इसी से प्रदूषण बढ़ता है।
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