पिछले दिनोमे दिल्ली एक इलाके में मुस्लिमो द्वारा एक हिन्दू मंदिर को तोड़ा गया जिसकी खबर जंगल की आग की तरह देश के हर कोने में फ़ैल गई है। आखिर क्या बात है की इस समुदाय विशेष को किसी और धर्मस्थानो को तोड़ना पसंद आ रहा है। वैसे देखा जाए तो मुस्लिमो के द्वारा दूसरे धर्मस्थानो पर हमला कोई नई बात नहीं है और शायद विश्व के हर कोने में इस सम्प्रदाय के लोगो के खिलाफ एक लोगो में एक रोष है।
सौजन्य: ध हिन्दू
इस समुदाय के कुछ लोग यह बताते है की यह एक भीड़ की करतूत है तो कोई इसे एक साजिश बता रहा है। दर असल ये सारी बाते दूसरे धर्म के आक्रोश से मुस्लिमो को बचाने का एक छलावा है क्यूंकि यह वही मजहब में जो यह कहता है की अगर कोई और मजहब के लोग आप के आसपास है तो या तो उन्हें मुस्लिम बना दो या फिर मार दो। शायद यह धर्म बना ही नफरत की बुनियाद पर है। यह घटना मुस्लिमो के आज भी पुराने खयालात और बर्बर मानसिकता का प्रतिक है जो किसी और धर्म को बर्दाश्त ही नहीं कर सकते। ऐसी घटनाओ की निंदा करने से कुछ नहीं होगा बल्कि जिन्होंने इस काम को अंजाम दिया हो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि किसी और जगह पर ऐसी घटना ना घटे।