मजदूरों के हादसे में मारे जाने की दिन कई खबरें आ रही हैं ऐसा लगता है जैसे मजदूर कीड़ा मकोड़ा है.सड़क हादसों में मारे जा रहे हैं तब भी सरकार अपनी नासमझी का सबूत देते चली आ रही है .पहले 16 मजदूर मालगाड़ी के नीचे आकर कट के मर जाते हैं.यह सरकारे इतनी निकम्मी हो चुकी है कि पहले तो यह उन मजदूरों की मदद नहीं करती है और जब यह मजदूर किसी हादसे में मारे जाते हैं उनकी मौत की कीमत 2 लाख लगा दी जाती है...
अब यह ताजा घटना उत्तर प्रदेश के औरेया की हैे शनिवार तड़के एक सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई. दो ट्रकों की भिड़ंत की वजह से यह हादसा हुआ. ट्रक में सवार होकर मजदूर हरियाणा और राजस्थान से अपने गांवों की तरफ पलायन कर रहे थे.
कुछ श्रमिक दिल्ली से आ रहे थे और औरैया कानपुर देहात राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के पास सुबह तीन से साढ़े तीन बजे के बीच चाय पीने के लिये रुके थे तभी यह हादसा हुआ. यह हादसा इतना जबरदस्त था कि दोनों वाहन पलट कर नजदीक के एक गड्ढे में जा गिरे.मरने वाले श्रमिकों में अधिकतर झारखंड, पश्चिम बंगाल के थे जबकि दो श्रमिक उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के थे.
