एम करूणानिधि और जे जयललिता साउथ इंडिया के दो बड़े नेता थे। वे दोनों एक ही राज्य से थे पर राजनीती में वे लोग एक दूसरे के प्रति दुश्मनी के लिए काफी जाने जाते थे। समय का का चक्र भी अजीब चलता रहा और कभी करुणानिधि तो कभी जयललिता तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। जब भी दोनो में से एक के पास सत्ता आई तो उस का उपयोग सामनेवाले को नुकसान करने हेतु किया गया। करूणानिधि ने जयललिता के खिलाफ काफी मुकद्दमे करवाए तो जयललिता ने भी करूणानिधि को आधी रात को गिरफ्तार करवाया। आखिर ऐसी क्या बात थी की दोनों के बिच इतनी नफ़रत थी?

सौजन्य: इंडिया
सदन में हुआ एक हादसा:
जयललिता और करूणानिधि सिर्फ राज्य की विधानसभा में ही एक दूसरे से रूबरू होते थे और ऐसी एक घटना सदन के कार्यकाल में हुई जिस से दोनों के बीच हंमेशा के लिए नफरत बन गई। एकबार करूणानिधि कोई मसले पर बात कर रहे थे और जयललिता ने उस का विरोध करना शुरू किया। इसी दौरान किसी ने फ़ाइल फेंकी जो की करूणानिधि के चश्मे पर लगी और चश्मा टूट गया। वहीं दूसरी और जयललिता की साड़ी किसीने खींची और इस अपमान को जयललिता कभी भूल नहीं पाई।
डीएमके का बटवारा:
यहाँ पर यह भी याद करना जरूरी है की जयललिता के राजकीय गुरु एमजीआर पहले डीएमके में ही थे और बाद में उस से अलग हो कर उन्होंने एआईएडीएमके की रचना की जिस के लिए करूणानिधि कहीं ना कहीं जयललिता को जिम्मेदार मानते थे। इस के अलावा जयललिता ब्राह्मण थी और करूणानिधि हंमेशा ब्राह्मण का विरोध करते आ रहे है। ऐसी कुछ वजहों से इन दोनों नेताओ के बीच तनावपूर्ण रिश्ते ही रहे और उसे भी दोनों ने बड़े अच्छे से निभाया।