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बादशाह में अकबर ही ऐसा था जिसे हिंदू मुस्लिम दोनों से प्यार था । अकबर ने हिंदुओं के हित के लिए बहुत से काम किए । उसने दिन ए इलाही नाम का एक धर्म बनाया जिसमें हिंदू और मुसलमान बिना किसी भेदभाव के आराम से रह सकते है । कहा जाता है कि उसका दरबार हमेशा खुला रहता था ।
भारत हमेशा से ही हिंदू राष्ट्र रहा है । जब मुगल यहा व्यापार करने आए धीरे धीरे उन्होंने अपना आधिपत्य जमाना शुरू कर दिया । धीरे धीरे जब इन लोगों ने अपना साम्राज्य को बढ़ाया तो हिंदू के ऊपर आक्रमण करने लगे लेकिन अकबर का समय ऐसा था जब हिंदू मुस्लिम साथ रहते थे । अकबर हिंदू ग्रंथ की बहुत इज्जत करता था । उसने कई सारे हिंदू ग्रंथ का फारसी में अनुवाद भी करवाया था । उसके दरबार में हिंदू कवि ज्यादा थे और वह उनका सम्मान भी करता था ।
बताया यह भी जाता है कि अकबर सूर्य और तुलसी की पूजा भी करता था । जिससे वह दीर्घायु हो सके । उसका मानना था कि सूर्य की पूजा करने से राज्य में सुख और शांति आती है । यह सूर्य ही है जिसकी वजह से आज हम जिंदा है और सारे काम आसानी से कर ले रहें है । अकबर ने मांस खाने पर भी रोक लगा दिया था । उसके राज्य में कोई मांस नही खाता था । उसके राज्य में कई नियम और इस तरह के थे जिससे मुस्लिम लोगों को दिक्कत होती थी । जिसकी वजह से मुस्लिम इसका विरोध करते थे ।
मध्यकाल के जाने माने इतिहासकार हरबंस मुखिया का कहना है कि अकबर ने जितना हिंदू तौर तरीकों को अपनाया उतना किसी और शासक ने नहीं अपनाया । वह हर दिन वह ना केवल सूर्य उपासना करते था बल्कि सूर्य के संस्कृत में 1000 नाम भी लेते थे । नौ रत्न में एक रत्न बीरबल भी थे जिन्होंने अकबर को गाय के सामने झुकने को मजबूर कर दिया था ।
बीरबल के कहने पर अकबर जल, पत्थर, पेड़ और सभी प्राकृतिक तत्वों की पूजा करने लगे थे। यहां तक कि वह गाय को माता बोलते थे और गाय के सामने झुककर नमन करता थे और गाय के गोबर को भी खास दर्जा देते थे ।
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