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साल 2003 के वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार पहुंची थी | सामने वाली टीम उस दौर की सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया से भिड़ी थी | ऑस्ट्रेलिया विश्व चैंपियन पहले से ही थी, क्योंकि साल 1999 में हुए वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने स्टीव वॉ के कप्तानी में पाकिस्तान को हराकर चैंपियन बनी थी,और फिर साल 2003 में हुए वर्ल्ड कप में भारत से मुकाबला हुआ था | इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए किसी वर्ल्ड कप के फाइनल में सबसे अधिक 359 बनाने का कीर्तिमान हासिल किया था | कंगारुओं की तरफ से अधिक रन बनाने वाले कप्तान रिकी पोटिंग 140 रन ठोके थे |
ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट के नुकसान पर कुल 359 रन बनाए, जिसमें दोनों ही विकेट हरभजन सिंह ने लिए थे | इस बार टीम इंडिया से सबसे ज्यादा उम्मीदें थी कि वह दूसरी बार वर्ल्ड कप जीत कर लाएगी | 360 रनों का लक्ष्य हासिल करने उतरी टीम इंडिया की निगाहें सचिन तेंदुलकर पर थी, क्योंकि पूरी वर्ल्ड कप के मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, जो गोल्डन बैट के सबसे बड़े दावेदार थे | फाइनल मुकाबले में सचिन सिर्फ 4 ही रन बना सके थे | इंडिया की तरफ से सबसे ज्यादा रन वीरेंद्र सहवाग ने 82 रन बनाए थे और पूरी टीम 234 रन पर ऑल आउट हो गई थी | टीम इंडिया ने जीत से 125 रन दूर रह गई |
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